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अबूझमाड़ के बच्चों ने भी क्रैक की पीएटी परीक्षा: ज्ञानगुड़ी बना बस्तर की शिक्षा क्रांति का केंद्र

अबूझमाड़ के बच्चों ने भी क्रैक की पीएटी परीक्षा: ज्ञानगुड़ी बना बस्तर की शिक्षा क्रांति का केंद्र जगदलपुर, 29 जुलाई 2025: एक समय नक्सलवा...

अबूझमाड़ के बच्चों ने भी क्रैक की पीएटी परीक्षा: ज्ञानगुड़ी बना बस्तर की शिक्षा क्रांति का केंद्र

जगदलपुर, 29 जुलाई 2025: एक समय नक्सलवाद से पहचाना जाने वाला बस्तर अब शिक्षा का केंद्र बनता जा रहा है। जिला प्रशासन द्वारा संचालित ज्ञानगुड़ी निःशुल्क कोचिंग केंद्र ने फिर साबित किया है कि अवसर मिलने पर हर बच्चा चमक सकता है।

कलेक्टर हरिस एस के मार्गदर्शन में चल रहे इस कोचिंग केंद्र से अबूझमाड़ के ओरछा जैसे क्षेत्र के बच्चों ने इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय और राज्य के अन्य कृषि महाविद्यालयों में प्रवेश प्राप्त किया है।

यह सफलता और भी खास है क्योंकि ये बच्चे दुर्गम और शिक्षाविहीन क्षेत्रों से आते हैं। विवेकानंद आश्रम नारायणपुर के माध्यम से इन बच्चों को ज्ञानगुड़ी तक लाया गया और पीएटी की तैयारी करवाई गई।

शिक्षा की समानता की मिसाल बनी ज्ञानगुड़ी

ज्ञानगुड़ी का उद्देश्य है कि गरीब एवं जरूरतमंद बच्चों को राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार किया जाए। यहाँ नीट, जेईई, पीएटी, फार्मेसी, वेटनरी आदि की निःशुल्क तैयारी करवाई जाती है।

पीएटी 2025 में ऐतिहासिक प्रदर्शन

  • 25 विद्यार्थियों ने शासकीय कृषि महाविद्यालयों में प्रवेश लिया
  • भुवनेश्वर ने राज्य में 11वीं रैंक प्राप्त की
  • पहले भी पीवीपीटी में 5वीं और नर्सिंग में 4वीं रैंक हासिल

नीट 2025 की कामयाबी

67 छात्रों ने नीट 2025 क्वालीफाई किया, जो ज्ञानगुड़ी के उत्कृष्ट शिक्षा प्रणाली का प्रमाण है। अब प्रदेश के कोने-कोने से विद्यार्थी यहाँ प्रवेश ले रहे हैं।

जनभागीदारी और प्रशासनिक नेतृत्व का मेल

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय द्वारा उद्घाटित इस केंद्र में श्रीनिवास राव, मनीष श्रीवास्तव, संजीव बिस्वास, देवेश पाणिग्राही, अलेक्जेंडर चेरियन जैसे कर्मठ व्यक्तियों का योगदान रहा है।

अब तक 400+ छात्रों को मेडिकल, एग्रीकल्चर और तकनीकी कॉलेजों में प्रवेश दिलवाया जा चुका है। कमिश्नर डोमन सिंह, कलेक्टर हरिस एस, सीईओ प्रतीक जैन जैसे अधिकारियों ने बच्चों को समय-समय पर मार्गदर्शन दिया है।

बस्तर की यह कहानी यह बताती है: "दृढ़ संकल्प, मार्गदर्शन और सामुदायिक सहयोग से शिक्षा के माध्यम से कोई भी बाधा पार की जा सकती है।"

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