• बस्तर से रायपुर तक 300 किमी की पदयात्रा के बाद भी स्वीपर संघ की नियमितीकरण की मांग पर सरकार ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। • 16 जुलाई से कर्...
• बस्तर से रायपुर तक 300 किमी की पदयात्रा के बाद भी स्वीपर संघ की नियमितीकरण की मांग पर सरकार ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की।
• 16 जुलाई से कर्मचारी जल त्याग कर आमरण अनशन पर बैठे हैं, जो 27 जुलाई तक लगातार जारी है।
• संघ ने आंदोलन तेज करने का निर्णय लिया है—28 जुलाई को सद्बुद्धि यज्ञ, 31 जुलाई को ताली-थाली बजाकर मंत्रालय घेराव होगा।
• मांगे नहीं मानी गईं तो 3 अगस्त से कर्मचारी अपने परिवार सहित चूल्हा-चौका बंद कर अन्न-जल त्यागकर अनशन पर बै
ठेंगे।
रायपुर : बस्तर के 186 पूर्णकालिक स्वीपर कर्मचारियों की नियमितीकरण की मांग अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच गई है। सरकार और प्रशासन द्वारा लगातार अनदेखी किए जाने से आहत कर्मचारी संघ ने आंदोलन को और तेज करने का ऐलान किया है।
प्रारंभिक बातचीत और कलेक्टर के लिखित आश्वासन के बावजूद जब कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई, तो संघ ने 24 जून को जगदलपुर से रायपुर तक 300 किलोमीटर की पदयात्रा शुरू की। 15 जुलाई को विधानसभा का घेराव कर ज्ञापन सौंपा गया, और 16 जुलाई से सभी सदस्य अन्न जल त्याग कर आमरण अनशन पर बैठे हैं — जो आज 27 जुलाई तक लगातार जारी है।
आंदोलन के बावजूद शासन-प्रशासन की चुप्पी से व्यथित संगठन ने अब आंदोलन को उग्र करने की चेतावनी दी है। 28 जुलाई को सद्बुद्धि यज्ञ, 31 जुलाई को ताली-थाली बजाकर मंत्रालय घेराव, और 3 अगस्त से परिवार सहित चूल्हा-चौका बंद कर आमरण अनशन का ऐलान किया गया है।
संघ का कहना है कि यदि अब भी मांगे नहीं मानी गईं, तो इसके गंभीर सामाजिक परिणाम होंगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार की होगी।
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