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अंतर्राष्ट्रीय मादक पदार्थ निषेध और तस्करी रोकथाम दिवस 2025: भारत की शून्य-सहिष्णुता नीति और नशा-मुक्त भविष्य की दिशा में निर्णायक कदम

अंतर्राष्ट्रीय मादक पदार्थ निषेध और तस्करी रोकथाम दिवस 2025: भारत की शून्य-सहिष्णुता नीति और नशा-मुक्त भविष्य की दिशा में निर्णायक कदम - शुभ...

अंतर्राष्ट्रीय मादक पदार्थ निषेध और तस्करी रोकथाम दिवस 2025: भारत की शून्य-सहिष्णुता नीति और नशा-मुक्त भविष्य की दिशा में निर्णायक कदम

अंतर्राष्ट्रीय मादक पदार्थ निषेध दिवस 2025

- शुभांशु झा

विश्वव्यापी संकट के विरुद्ध एकजुटता: दिवस की पृष्ठभूमि

7 दिसंबर 1987 को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 26 जून को अंतर्राष्ट्रीय मादक पदार्थ निषेध और तस्करी रोकथाम दिवस के रूप में घोषित किया गया था। इसका उद्देश्य मादक पदार्थों की बढ़ती समस्या को नियंत्रित करने के लिए वैश्विक जागरूकता और सहयोग को बढ़ाना है।

मादक पदार्थों की वैश्विक और राष्ट्रीय स्थिति: भारत का स्वरूप

नशीली दवाओं की लत केवल एक व्यक्ति का संकट नहीं, यह पारिवारिक ताने-बाने, सामाजिक संरचना और राष्ट्र की युवा शक्ति को खोखला करने वाली आपदा है। इस चेतावनी को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा और सामाजिक कल्याण का मुद्दा मानते हुए युद्ध स्तर पर कार्रवाई शुरू की है।

2024: एक निर्णायक वर्ष – जब्ती और गिरफ़्तारी के आंकड़े

श्रेणी 2004–2014 2014–2024
दर्ज मामले 1,250 4,150
गिरफ्तारियां 1,360 6,300
जब्त मादक पदार्थ 1.52 लाख किग्रा 5.43 लाख किग्रा
जब्त मादक पदार्थों का मूल्य ₹5,900 करोड़ ₹22,000 करोड़

शून्य सहिष्णुता नीति: कार्रवाई को जन आंदोलन में बदलना

केंद्र सरकार ने नशा-मुक्त भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु जन-जागरूकता, कड़ी प्रवर्तन कार्रवाई और समन्वित नीति के तीन स्तंभों पर कार्य किया है।

2024 में कुल जब्ती: ₹25,330 करोड़ मूल्य के मादक पदार्थ (2023 की तुलना में 55% वृद्धि)

खास वृद्धि: सिंथेटिक ड्रग्स, ATS, कोकीन, मेफेड्रोन और फार्मास्युटिकल ड्रग्स

प्रमुख खतरनाक मादक पदार्थ और उनके दुष्परिणाम

  • ATS (Amphetamine-Type Stimulants): हृदय व मस्तिष्क पर दीर्घकालिक असर
  • मेथाम्फेटामाइन: गंभीर मानसिक और शारीरिक हानि
  • कोकीन: तीव्र नशा, हृदयगति रुकना
  • मेफेड्रोन: भ्रम, चिंता और हृदयघात
  • हशीश: स्मृति और मानसिक स्वास्थ्य को बाधित करता है

एनसीबी: संरचनात्मक विस्तार और वैश्विक समन्वय

  • क्षेत्रीय कार्यालय: 13 → 30 (गोरखपुर, रायपुर, ईटानगर सहित)
  • स्टाफ बहाली: 536 नियुक्तियाँ → कुल स्टाफ 1,496
  • नार्को-केनाइन यूनिट्स: 10 नए K9 केंद्र

नार्को-आतंक गठजोड़ पर निर्णायक कार्यवाही

  • गुजरात: 700 किग्रा मेथ जब्त, अंतरराष्ट्रीय गिरोह का भंडाफोड़
  • दिल्ली: 82.53 किग्रा कोकीन, 900 करोड़ का मादक पदार्थ
  • गहरे समुद्र से कुल जब्ती: 4,134 किग्रा

केंद्र सरकार की बहु-स्तरीय रणनीति

  1. NCORD तंत्र: शीर्ष से जिला स्तर तक समन्वय
  2. ANTF: प्रत्येक राज्य में विशेष टास्क फोर्स
  3. JCC: प्रमुख मामलों की निगरानी
  4. सीमा बलों को NDPS अधिनियम के तहत अधिकार
  5. डार्कनेट क्रिप्टो टास्क फोर्स: डिजिटल प्लेटफॉर्म की निगरानी
  6. MANAS (1933): राष्ट्रीय हेल्पलाइन

नशा मुक्त भारत अभियान (NMBA): सामाजिक पुनर्वास की शक्ति

  • 342 पुनर्वास केंद्र (IRCA)
  • 47 CPLI कार्यक्रम (बाल-अवस्था में हस्तक्षेप)
  • 74 Outreach व Drop-In केंद्र
  • 83 व्यसन उपचार केंद्र
  • 53 एकीकृत जिला नशा मुक्ति केंद्र (DDAC)
  • टोल-फ्री हेल्पलाइन: 14446


नशा के विरुद्ध जन-संवेदना और सरकार की सामूहिक शक्ति

अंतर्राष्ट्रीय मादक पदार्थ निषेध दिवस केवल एक तिथि नहीं, एक वैश्विक चेतावनी है। भारत ने इस चुनौती को पूरी गंभीरता से स्वीकारते हुए प्रवर्तन, नीति और पुनर्वास के त्रिस्तरीय संतुलन से नशा-मुक्त भारत के लक्ष्य की ओर ठोस प्रगति की है।

अब वक्त है कि समाज, परिवार और नागरिक भी इस संघर्ष में समान रूप से सहभागी बनें। क्योंकि जैसा कबीर ने कहा है —

"जब मैं था तब हरि नहीं, अब हरि हैं मैं नाहिं। प्रेम गली अति सांकरी, तामें दो न समाहिं॥"

नशे की गली में जीवन नहीं, केवल बर्बादी समाती है। अब आवश्यकता है प्रेम, पुनरुद्धार और सह-अस्तित्व की।


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