20 जून 2025 | नई दिल्ली — “सपनों की उड़ान” देने का वादा करने वाली Air India को Dreamliner हादसे के बाद अपने ही वादों की जांच के कठ...
20 जून 2025 | नई दिल्ली —
“सपनों की उड़ान” देने का वादा करने वाली Air India को Dreamliner हादसे के बाद अपने ही वादों की जांच के कठघरे में खड़ा होना पड़ा है। 12 जून को Ahmedabad एयरपोर्ट पर Flight AI171 की टेकऑफ़ के समय हुई Boeing 787-8 Dreamliner की दुर्घटना के बाद DGCA (नागर विमानन महानिदेशालय) ने ताबड़तोड़ जांच का आदेश दिया, जिसमें न केवल Dreamliner बल्कि Airbus A320/A319 विमानों तक में लापरवाही के प्रमाण मिले हैं।
DGCA जांच में यह सामने आया कि कम से कम तीन Airbus विमान बिना अनिवार्य escape slides निरीक्षण के उड़ान भर रहे थे। यह चूक न केवल सुरक्षा के लिहाज से गंभीर है, बल्कि विमानन नियामक दिशा-निर्देशों का सीधा उल्लंघन भी है।
Air India ने दावा किया है कि उसके बेड़े में शामिल 33 Dreamliner विमानों में से 26 की जांच पूरी हो चुकी है, जबकि 7 विमान अभी भी जांचाधीन हैं। इस प्रक्रिया का सीधा असर इसकी widebody अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर पड़ा है, जिनमें से लंदन, पेरिस, दुबई और वियना जाने वाली कम से कम 8 उड़ानें रद्द कर दी गई हैं।
Air India ने यात्रियों को पुनर्निर्धारण (rescheduling) और पूर्ण रिफंड की सुविधा देने की घोषणा की है, लेकिन यात्रियों में असमंजस और असंतोष बना हुआ है। वहीं, एक Boeing 777 विमान को तकनीकी समस्याओं के कारण ग्राउंड कर दिया गया है।
विश्लेषण: विशेषज्ञों का मानना है कि यह संकट Tata ग्रुप द्वारा पुनर्गठित Air India की “world-class airline” बनने की प्रक्रिया में पहला बड़ा अवरोध है। यह प्रकरण भारत की नागरिक विमानन सुरक्षा संरचना पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है।
सरकार और Tata समूह ने root cause analysis, flight safety protocols और fleet-wide quality assurance को प्राथमिकता देने की बात कही है। पर सवाल यह है — क्या यह सुधारात्मक प्रयास अगले हादसे को रोक पाएंगे या फिर "दुर्घटना" को नियति मान कर हम फिर लापरवाहियों की उड़ान भरेंगे?
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