सूदखोरी, वसूली और ब्लैकमेलिंग के आरोपियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई रायपुर: पुलिस और प्रवर्तन निदेशालय (ED) की संयुक्त कार्रवाई में सूदखोरी...
सूदखोरी, वसूली और ब्लैकमेलिंग के आरोपियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई
रायपुर: पुलिस और प्रवर्तन निदेशालय (ED) की संयुक्त कार्रवाई में सूदखोरी और ब्लैकमेलिंग जैसे गंभीर आरोपों में वांटेड वीरेंद्र तोमर और रोहित तोमर के खिलाफ बड़ा खुलासा हुआ है। दोनों आरोपियों की तलाश जारी है, लेकिन अब तक उनका कोई सुराग हाथ नहीं लगा है। वहीं दूसरी ओर, उनके करीबियों के घरों में हुई छापेमारी में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है।
जांच एजेंसियों को इन छापों में 150 से अधिक रजिस्ट्री दस्तावेज मिले हैं, जिनकी अनुमानित कीमत 40 करोड़ रुपये से अधिक बताई जा रही है। ये सभी रजिस्ट्रियां उन लोगों की हैं जिन्होंने वीरेंद्र और रोहित तोमर से भारी ब्याज पर कर्ज लिया था। बताया जा रहा है कि कर्ज ना चुका पाने की स्थिति में ये रजिस्ट्रियां बतौर ‘जमानत’ के रूप में जबरन हस्तांतरित कराई गई थीं।
इसके अलावा छापेमारी के दौरान साढ़े तीन करोड़ रुपये मूल्य का सोना और 10 लाख रुपये की चांदी भी जब्त की गई है। साथ ही कुछ अहम दस्तावेज और बैंक खातों की जानकारी भी एजेंसियों को मिली है, जिनकी जांच जारी है।
पुलिस सूत्रों का कहना है कि तोमर ब्रदर्स ने लंबे समय से गरीब व मध्यम वर्ग के लोगों को अपने जाल में फंसा रखा था। वे सूद पर पैसे देकर बाद में मानसिक और आर्थिक शोषण करते थे। कई पीड़ितों ने बताया कि समय पर पैसा लौटाने के बावजूद उनसे जबरन प्रॉपर्टी लिखवा ली गई।
जांच एजेंसियां अब इस नेटवर्क को तोड़ने में लगी हैं और उम्मीद है कि जल्द ही इन दोनों भाइयों को भी गिरफ्तार किया जा सकेगा। पुलिस ने आम जनता से भी अपील की है कि यदि किसी ने तोमर ब्रदर्स से कर्ज लिया हो या ब्लैकमेलिंग का शिकार हुआ हो, तो वह सामने आकर शिकायत दर्ज कराए।
यह मामला न सिर्फ सूदखोरी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई है, बल्कि समाज में मौजूद उस आर्थिक अत्याचार के चेहरे को भी उजागर करता है, जिसे अक्सर लोग मजबूरी में सहते रहते हैं।
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