सस्ती ज़मीन पर उद्योग लगाने का वादा, लेकिन 5 साल में एक ईंट भी नहीं रखी: 250 से ज्यादा को नोटिस, 20 का आवंटन रद्द: रायपुर : सरकार की औद्य...
सस्ती ज़मीन पर उद्योग लगाने का वादा, लेकिन 5 साल में एक ईंट भी नहीं रखी: 250 से ज्यादा को नोटिस, 20 का आवंटन रद्द:
रायपुर : सरकार की औद्योगिक प्रोत्साहन नीति को धता बताते हुए कई उद्योगपतियों ने सस्ती दर पर मिली जमीन का वर्षों तक उपयोग नहीं किया। उरला, सिलतरा और तिल्दा के औद्योगिक क्षेत्रों में ऐसे 20 उद्योगपतियों का आवंटन अब सरकार ने रद्द कर दिया है। इन सभी को महज 1 रुपए प्रति वर्गफुट की दर पर जमीन दी गई थी, शर्त यह थी कि तीन साल के भीतर उद्योग स्थापित करना होगा, लेकिन पांच साल में भी निर्माण कार्य शुरू नहीं किया गया।
उद्योग विभाग ने ऐसे 250 से अधिक मामलों में नोटिस जारी किया है। इन सभी मामलों में सरकार ने उम्मीद की थी कि सस्ती ज़मीन मिलने से रोजगार और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा, लेकिन हकीकत में ज़मीन कब्जा कर छोड़ दी गई।
प्रभावित क्षेत्र और जमीन की असल कीमत:
जहां यह जमीन दी गई थी, वहां की बाज़ार दर 500 से 1200 रुपए प्रति वर्गफुट तक है। यानी सरकार ने लाखों-करोड़ों की जमीन मात्र कुछ हज़ार या लाख रुपए में दी थी, ताकि वहां उद्योग फले-फूले।
सरकार का रुख सख्त:
सरकार ने साफ कर दिया है कि अब नीति का दुरुपयोग बर्दाश्त नहीं होगा। जिन निवेशकों ने निर्धारित समय में परियोजना शुरू नहीं की, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
आगे क्या होगा?
अब यह जमीन पुनः नए निवेशकों को दी जाएगी जो वास्तव में औद्योगिक परियोजनाएं शुरू करना चाहते हैं। इसके साथ ही सरकार यह भी सुनिश्चित करेगी कि भविष्य में ऐसी स्थिति दोबारा न हो।
यह कदम न सिर्फ निष्क्रिय निवेशकों पर लगाम लगाएगा, बल्कि छत्तीसगढ़ में वास्तविक औद्योगिक विकास के लिए नई राह खोलेगा।
कोई टिप्पणी नहीं