गरीब बेटियों की शादी में भी करते हैं आर्थिक सहायता | शिक्षा और सेवा के सच्चे पुजारी हैं नाग : जगदलपुर, छत्तीसगढ़: जब समाज में निराशा और स्व...
गरीब बेटियों की शादी में भी करते हैं आर्थिक सहायता | शिक्षा और सेवा के सच्चे पुजारी हैं नाग :
जगदलपुर, छत्तीसगढ़: जब समाज में निराशा और स्वार्थ हावी हो रहा हो, तब कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो बिना किसी स्वार्थ के केवल सेवा को अपना धर्म बना लेते हैं। ऐसे ही एक नाम हैं संतोष कुमार नाग, जो पिछले दो दशकों से 1200 से अधिक बच्चों को निशुल्क शिक्षा दे चुके हैं।
55 वर्षीय नाग वर्तमान में एक इंजीनियरिंग कॉलेज में टेक्निकल असिस्टेंट के पद पर कार्यरत हैं, लेकिन उनकी असली पहचान समाजसेवा और शिक्षा के क्षेत्र में उनके अतुलनीय योगदान के कारण है। वे गरीब और वंचित वर्ग के बच्चों के लिए एक आशा की किरण बन चुके हैं।
“मेरी साँसें चलें या न चलें, पर शिक्षा का दीपक हमेशा जलता रहेगा”
नाग कहते हैं, “मैंने शिक्षा को कभी रोजगार का साधन नहीं, बल्कि समाज सेवा का माध्यम माना है। जब तक जीवित हूं, गरीब बच्चों को पढ़ाना बंद नहीं करूंगा।”
उनके पास कोई बड़ा संसाधन नहीं, कोई बड़ा मंच नहीं, लेकिन उनके पास जो सबसे बड़ी पूंजी है—वह है इच्छाशक्ति, करुणा और समर्पण।
बेटियों की शादी में भी बनते हैं सहारा:
सिर्फ शिक्षा ही नहीं, नाग उन गरीब परिवारों की बेटियों की शादी में भी आर्थिक सहायता करते हैं, जिनके पास दहेज तो दूर, बुनियादी ज़रूरतें भी पूरी करने के साधन नहीं होते। कई बेटियां आज अपने घर बसा चुकी हैं और अपने जीवन में सफल हैं, तो उसके पीछे संतोष नाग जैसे नायक की चुपचाप की गई मदद है।
समाज का नम्र नायक:
सादा जीवन, उच्च विचार के सिद्धांत पर चलने वाले नाग आज भी साइकिल से कॉलेज जाते हैं। उन्होंने कभी अपनी सेवा का प्रचार नहीं किया, लेकिन जिन बच्चों ने उनके पास पढ़ाई की, वही उनकी पहचान बन गए हैं। कई विद्यार्थी आज डॉक्टर, इंजीनियर, शिक्षक और सरकारी अफसर बन चुके हैं।
यह सिर्फ एक व्यक्ति की कहानी नहीं, यह एक मिशन है।
संतोष नाग जैसे लोग हमें यह याद दिलाते हैं कि समाज सेवा के लिए करोड़ों की संपत्ति नहीं, बस एक सच्चे दिल और मजबूत इरादे की जरूरत होती है।
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