जगदलपुर : बस्तर जिला NSUI के अध्यक्ष विशाल खंबारी ने बताया कि प्रदेश में 10463 स्कूलों का युक्तिकरण: शिक्षा के अधिकार पर हमला है,सरकार ने...
जगदलपुर : बस्तर जिला NSUI के अध्यक्ष विशाल खंबारी ने बताया कि प्रदेश में 10463 स्कूलों का युक्तिकरण: शिक्षा के अधिकार पर हमला है,सरकार ने "युक्तिकरण" के नाम पर 10463 स्कूल बंद करने की नीति अपनाई है।
ये वही सरकार है जो "मोदी गारंटी" में 57000 शिक्षकों की भर्ती की बात कर रही थी।
जब शिक्षकों की भर्ती की बात थी तो वादे किए गए, लेकिन अब स्कूलों को ही खत्म किया जा रहा है।
यह कदम ग्रामीण, गरीब, आदिवासी और दूरस्थ क्षेत्रों के बच्चों के शिक्षा के अधिकार पर सीधा हमला है।
सवाल यह उठता है कि जब स्कूल ही नहीं रहेंगे तो 57000 शिक्षक कहाँ,कब और क्यों भर्ती किए जाएंगे?
57000 पदों पर भर्ती की मांग: मोदी गारंटी को निभाने की चुनौती है, NSUI की स्पष्ट मांग है कि सरकार 57000 शिक्षकों की भर्ती की घोषणा को केवल "चुनावी जुमला" न बनाए।
भर्ती प्रक्रिया 2008 के सेटअप के अनुसार पारदर्शी ढंग से और बिना किसी छेड़छाड़ के की जाए।
अगर सरकार में इच्छाशक्ति है तो वह इस भर्ती प्रक्रिया को तत्काल प्रारंभ करे।
अगर भाजपा सरकार अपने वादों पर खरा नहीं उतरती, तो यह युवाओं के साथ धोखा और विश्वासघात होगा।
सीटेट परीक्षा का परिणाम अब तक लंबित: युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ है,राज्य सरकार द्वारा आयोजित CTET परीक्षा को 1 वर्ष से अधिक समय हो चुका है।
आज तक परिणाम जारी नहीं किया गया, जिससे हजारों युवा मानसिक और आर्थिक तनाव में हैं।
NSUI मांग करती है कि सरकार तत्काल परिणाम जारी करे,परिणाम प्रक्रिया को पारदर्शी और समयबद्ध बनाए,
देरी के कारणों की लोकसभा में रिपोर्ट पेश की जाए।
NSUI प्रदेश उपाध्यक्ष आदित्य सिंह बिसेन ने कहा :–
सरकारी स्कूल और आत्मानंद विद्यालयों को बिजली विभाग का नोटिस असंवेदनशीलता की पराकाष्ठा है,
बिजली विभाग द्वारा सरकारी स्कूलों और स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालयों को बिजली बिल चुकाने के लिए नोटिस जारी किया गया है।
दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि सरकार इन स्कूलों को आवश्यक फंड भी उपलब्ध नहीं करा रही है,क्या बच्चे गर्मी में बिना बिजली, पंखे और लाइट के बिना पढ़ाई कर पाएंगे?
यह स्पष्ट है कि सरकार की प्राथमिकता शिक्षा नहीं, केवल आंकड़ेबाजी और दिखावा है।साथ ही प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल जी ने कहा था कि आत्मानंद स्कूल के शिक्षकों की जल्द ही नियमित किया जाएगा, नियमितीकरण तो दूर प्रदेश के कई स्कूलों में शिक्षकों को समय पर वेतन तक नहीं मिल रहा है।
युक्तिकरण के नाम पर स्कूल बंद करना आरटीई (RTE) कानून का उल्लंघन है,सरकार द्वारा युक्तिकरण के बहाने जो 10000 से अधिक स्कूल बंद किए जा रहे हैं, वह केवल प्रशासनिक निर्णय नहीं, बल्कि कानूनी और संवैधानिक उल्लंघन भी है।
भारतीय संविधान की धारा 21-A और 'मुफ्त और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 (RTE Act, 2009)' के तहत "हर बच्चे को 6 से 14 वर्ष की आयु तक मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा प्रदान करना राज्य का दायित्व है।"
RTE अधिनियम की धारा 3, 4 और 6 यह स्पष्ट रूप से कहती हैं कि प्रत्येक बच्चे को उसके निकटतम प्राथमिक विद्यालय में प्रवेश और शिक्षा का अधिकार है।
ऐसे में स्कूलों को बंद करना न सिर्फ गरीब और ग्रामीण बच्चों को शिक्षा से वंचित करना है, बल्कि RTE अधिनियम की मूल भावना का उल्लंघन भी है।
भाजपा सरकार एक तरफ 67 नए शराब दुकान खोल रही है, 28 एवं 29 मार्च 2025 को नए आबकारी नियम के तहत प्रदेश में एफ.एल. 5 एवं एफ.एल. 5(क) के तहत प्रतिदिन लाइसेंस उपलब्ध करवाने का काम कर रही है और दूसरी तरफ प्रदेश में 10463 स्कूलों का युक्तिकरण कर बंद कर रही है, प्रदेश के युवाओं को नौकरी के नाम पर सिर्फ और सिर्फ जुमले और खोखले वादे मिल रहे है, ऐसा प्रतीत होता है कि प्रदेश की साय सरकार प्रदेश के छात्र एवं युवा वर्ग को शिक्षा व रोजगार के जगह नशे के लिए प्रेरित कर रही है।
29 मार्च 2025 को आबकारी विभाग द्वारा जारी पत्र में ये साफ उल्लेखित किया गया है, शादी,फार्म हाउस,इवेंट,कंसर्ट,संगीत,नृत्य कार्यक्रम, नव वर्ष समारोह सहित क्रिकेट मैच तक में शराब परोसने एवं पीने हेतु प्रतिदिन के डर से लाइसेंस प्रदान करने तैयार है, ये भाजपा सरकार की दोहरी नीति स्पष्ट करता है।
NSUI युक्तिकरण जैसे "शिक्षा विरोधी" फैसले का कड़ा विरोध करती है एवं मांग करती है कि युक्तिकरण के फैसले को तत्काल प्रभाव से वापस लिया जाए।इस दौरान एन.एस.यू .आई प्रदेश महासचिव मनोहर सेठीया,ज्योति राव,प्रदेश सचिव माज लिल्हा ,शैक अयाज,लोकेश चौधरी,कर्तव्य आचार्य,हँसू नाग,नितेश जोशी,द्रव्यांश दास,समीर नाग उपस्थित थे
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