भोपाल, 31 मई 2025 — लोकमाता देवी अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती के अवसर पर भोपाल के जंबूरी मैदान में एक भव्य महिला सशक्तिकरण महासम्मेलन क...
भोपाल, 31 मई 2025 — लोकमाता देवी अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती के अवसर पर भोपाल के जंबूरी मैदान में एक भव्य महिला सशक्तिकरण महासम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में दो लाख से अधिक महिलाएं उपस्थित रहीं, और आयोजन की समस्त व्यवस्थाएं महिलाओं द्वारा संभाली गईं, जिससे यह महिला नेतृत्व का प्रतीक बन गया।
प्रधानमंत्री द्वारा महिला सशक्तिकरण की नई पहल
कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने 'देवी अहिल्याबाई नारी शक्ति मिशन' की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य महिलाओं की शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, पोषण और आर्थिक आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना है। इस मिशन के तहत बालिका अनुपात में सुधार, मातृ मृत्यु दर में कमी, बाल विवाह की रोकथाम और महिला रोजगार में वृद्धि जैसे लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं।
डॉ. जयमती राष्ट्रीय देवी अहिल्याबाई पुरस्कार से सम्मानित
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने डॉ. जयमती को उनके कार्यों और महिला सशक्तिकरण में योगदान के लिए 'राष्ट्रीय देवी अहिल्याबाई पुरस्कार' से सम्मानित किया। यह पुरस्कार उन महिलाओं को प्रदान किया जाता है जिन्होंने समाज में उल्लेखनीय योगदान दिया हो।
विकास परियोजनाओं का शुभारंभ
प्रधानमंत्री ने इस कार्यक्रम के दौरान इंदौर मेट्रो, सतना और दतिया हवाई अड्डों का उद्घाटन किया। साथ ही क्षिप्रा नदी के किनारे घाटों के निर्माण, 1,271 अटल ग्राम सेवा सदनों की स्थापना और जल परियोजनाओं की आधारशिला रखी गई। इन परियोजनाओं की कुल लागत ₹863 करोड़ से अधिक है।
ऑपरेशन सिंदूर में महिला वीरता का सम्मान
प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में संपन्न 'ऑपरेशन सिंदूर' में महिला सुरक्षा बलों की भूमिका की सराहना की और उन्हें 'राष्ट्र की वीर बेटियां' कहकर सम्मानित किया। उन्होंने इसे भारत का सबसे सफल आतंकवाद विरोधी अभियान बताया।
सांस्कृतिक कार्यक्रम और स्मृति चिन्ह
कार्यक्रम में देवी अहिल्याबाई होलकर की स्मृति में एक विशेष डाक टिकट और स्मृति सिक्का जारी किया गया। साथ ही 'राष्ट्र समर्था अहिल्याबाई होलकर' नामक नाट्य प्रस्तुति के माध्यम से उनके जीवन और योगदान को दर्शाया गया।
यह महासम्मेलन देवी अहिल्याबाई होलकर के आदर्शों को नई पीढ़ी तक पहुँचाने का एक महत्वपूर्ण प्रयास था। उनका जीवन आज भी सभी के लिए प्रेरणास्रोत है, और उनके आदर्शों को अपनाकर समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने की दिशा में कार्य करना चाहिए।
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