ऑपरेशन 'सिंदूर' के माध्यम से भारत ने रचा सैन्य इतिहास: रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने श्रीनगर में सैनिकों से किया संवाद, कहा – “...
ऑपरेशन 'सिंदूर' के माध्यम से भारत ने रचा सैन्य इतिहास: रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने श्रीनगर में सैनिकों से किया संवाद, कहा – “भारत अब चुप नहीं बैठेगा”
- विशेष संवाददाता, श्रीनगर, 15 मई 2025
भारत की सैन्य एवं सामरिक नीति में एक नया अध्याय लिखते हुए रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को श्रीनगर स्थित बडामी बाग सैन्य छावनी में भारतीय सेना के जांबाज़ जवानों से संवाद स्थापित किया। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की ऐतिहासिक सफलता के बाद यह संवाद केवल एक औपचारिक भेंट नहीं, बल्कि भारत की आतंकवाद विरोधी नीति की नई व्याख्या का सार्वजनिक उद्घोष था।
सेना के अद्वितीय साहस और रणनीतिक दक्षता की सराहना करते हुए श्री सिंह ने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर आतंकवाद के विरुद्ध भारत की अब तक की सबसे बड़ी सैन्य कार्रवाई रही है। हमारी सेना ने पाक अधिकृत क्षेत्र में स्थित नौ आतंकी शिविरों को ध्वस्त किया और लगभग 100 कट्टर आतंकवादियों का सफाया किया। आतंकवादियों ने भारतीयों को उनके धर्म के आधार पर मारा, पर हमने उन्हें उनके कर्मों के लिए मारा – यही हमारा धर्म है।”
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की आतंकवाद के प्रति सख्त नीति को स्पष्ट करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत अब किसी भी हमले को "युद्ध की कार्यवाही" मानेगा। “हम शांति के पक्षधर हैं, युद्ध के नहीं। किंतु यदि हमारी संप्रभुता को ललकारा गया, तो भारत चुप नहीं बैठेगा।”
उन्होंने यह भी दो टूक कहा कि “पाकिस्तान की ‘न्यूक्लियर ब्लैकमेलिंग’ अब भारत को रोक नहीं सकती। मैं अंतरराष्ट्रीय समुदाय से पूछता हूं – क्या ऐसे गैर-जिम्मेदार और दुराचारी देश के हाथों में परमाणु हथियार सुरक्षित हैं? पाकिस्तान के परमाणु भंडार को अंतरराष्ट्रीय निगरानी में लिया जाना चाहिए।”
इस संवाद के दौरान श्री सिंह ने हाल में हुए पाहलगाम हमले का उल्लेख करते हुए कहा कि यह हमला भारत की सामाजिक एकता को तोड़ने का प्रयास था। लेकिन भारतीय सेना ने दुश्मन के हृदय स्थल पर प्रहार कर स्पष्ट कर दिया कि भारत आतंक के प्रत्येक प्रयास का मुंहतोड़ उत्तर देगा।
उन्होंने कहा, “हमारी सेनाओं की निशाना साधने की क्षमता सटीक है, और गिनती का काम अब दुश्मनों पर छोड़ दिया गया है। यदि पाकिस्तान ने आतंकवाद को समर्थन देना नहीं छोड़ा, तो उसे पहले से भी अधिक मूल्य चुकाना पड़ेगा।”
सेना के मनोबल को और ऊंचा करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार सेना के आधुनिकीकरण और जवानों के हित में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। उन्होंने ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान के तहत रक्षा उत्पादन में हो रही प्रगति को भी रेखांकित किया।
इस अवसर पर जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल श्री मनोज सिन्हा, थलसेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी, सैन्य कमांडरों एवं वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों की उपस्थिति ने इस भेंट को एक उच्चस्तरीय रणनीतिक विमर्श का स्वरूप प्रदान किया।
रक्षा मंत्री का यह दौरा केवल एक औपचारिक दौरा नहीं था – यह भारत के नए सुरक्षा दृष्टिकोण की सार्वजनिक घोषणा थी। वह दृष्टिकोण, जो यह स्पष्ट करता है कि भारत अब केवल प्रतिक्रियाशील नहीं रहेगा, अपितु निर्णायक भी होगा।
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