दंतेवाड़ा जिले के ग्रामीण इलाकों में पानी की आपूर्ति ठप, सैकड़ों लोग प्रभावित दंतेवाड़ा : जिले के दर्जनों गांवों में पानी की जीवनरेखा मान...
दंतेवाड़ा जिले के ग्रामीण इलाकों में पानी की आपूर्ति ठप, सैकड़ों लोग प्रभावित
दंतेवाड़ा : जिले के दर्जनों गांवों में पानी की जीवनरेखा माने जाने वाले सोलर सिस्टम अब खुद ही जीवन विहीन हो चले हैं। जिन सौर ऊर्जा संयंत्रों को गांवों में स्वच्छ जल आपूर्ति के उद्देश्य से लगाया गया था, वे आज मेंटेनेंस के अभाव में पूरी तरह से ध्वस्त हो चुके हैं। परिणामस्वरूप कई गांवों में महीनों से पीने के पानी की आपूर्ति ठप पड़ी है।
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि एक समय था जब इन सोलर सिस्टमों के जरिए प्रतिदिन समय पर पानी मिलता था। लेकिन अब ये मशीनें केवल धूप में खड़ी धातु की ढांचों जैसी बन गई हैं।
"सिस्टम कंडम हो चुका है," कहते हैं बड़ेकडेर गांव के बुजुर्ग गंगाराम, "चार महीने से हैंडपंप ही एकमात्र सहारा है, वह भी जवाब दे रहा है।"
तकनीकी जानकारों के अनुसार, इन सोलर पंपों की औसत उम्र 5 से 7 साल होती है, लेकिन समय-समय पर देखरेख और पार्ट्स की मरम्मत न होने से कई सिस्टम 2-3 साल में ही जवाब दे गए। कई जगहों पर बैटरियाँ खराब हो गई हैं तो कहीं पैनल टूटकर जमीन पर गिर चुके हैं।
प्रशासन की चुप्पी:
हालांकि पीएचई विभाग और पंचायत प्रतिनिधियों को इस संकट की जानकारी है, लेकिन अभी तक कोई मरम्मत कार्य शुरू नहीं किया गया है। कई गांवों में ग्रामीणों ने चंदा इकट्ठा कर निजी मरम्मत की कोशिश की, लेकिन तकनीकी जटिलताओं और खर्च के कारण यह प्रयास सफल नहीं हो सके।
ग्रामीणों की मांग:
ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि या तो सोलर सिस्टमों की तत्काल मरम्मत कराई जाए या वैकल्पिक व्यवस्था के तहत नियमित जल आपूर्ति सुनिश्चित की जाए।
यदि जल्द कार्रवाई नहीं की गई, तो आने वाले गर्मी के महीनों में हालात और भी भयावह हो सकते हैं।
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