Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

ब्रेकिंग :

latest

Ads

Girl in a jacket

19 साल बाद टूटी चुप्पी: पूर्व चिकित्सा शिक्षा संचालक डॉ. एसएन आदिले पर फर्जी एडमिशन केस में कोर्ट में पेश हुआ चालान

  19 साल बाद टूटी चुप्पी: पूर्व चिकित्सा शिक्षा संचालक डॉ. एसएन आदिले पर फर्जी एडमिशन केस में कोर्ट में पेश हुआ चालान: रायपुर :  छत्तीसगढ़ क...

 19 साल बाद टूटी चुप्पी: पूर्व चिकित्सा शिक्षा संचालक डॉ. एसएन आदिले पर फर्जी एडमिशन केस में कोर्ट में पेश हुआ चालान:

रायपुर : छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी एक बेहद संवेदनशील और बहुचर्चित फर्जी प्रवेश घोटाले में 19 वर्षों बाद न्यायिक प्रक्रिया ने गति पकड़ी है। राज्य के तत्कालीन चिकित्सा शिक्षा संचालक डॉ. एसएन आदिले के खिलाफ 14 मई 2025 को करीब 100 पन्नों का चालान अदालत में प्रस्तुत किया गया, जिसमें गंभीर आरोप लगाए गए हैं कि उन्होंने 2006 में जगदलपुर मेडिकल कॉलेज में अपनी पुत्री और उसकी सहेलियों को फर्जी तरीके से प्रवेश दिलाया।

चालान में विस्तार से यह वर्णित है कि कैसे पद का दुरुपयोग कर दस्तावेजों में हेराफेरी की गई और प्रवेश प्रक्रिया के नियमों को दरकिनार कर गड़बड़ी की गई।

इस घोटाले की शुरुआत 2010 में हुई, जब गोलबाजार थाना पुलिस ने प्राथमिक जांच के बाद प्राथमिकी दर्ज की थी। पुलिस ने चार साल तक जांच कर तथ्यों को संकलित किया, लेकिन उसके बाद भी तकनीकी त्रुटियों और प्रशासनिक विलंब के चलते चालान तैयार होने के बावजूद 2020 से अब तक कोर्ट में पेश नहीं किया जा सका।

इस प्रकरण का खुलासा डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया (DCI) के पूर्व सदस्य डॉ. अनिल खाखरिया द्वारा सूचना के अधिकार कानून (RTI) के तहत मांगी गई जानकारी से हुआ। खाखरिया ने प्रवेश के आधार और प्रक्रिया में पारदर्शिता की मांग करते हुए सूचना मांगी थी, जिसके बाद फर्जीवाड़े का पर्दाफाश हुआ।

अब जबकि मामला न्यायालय की दहलीज पर है, तो यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि न्याय की राह में 19 साल की देरी के बावजूद सच किस दिशा में जाता है।

यह मामला न केवल शासन तंत्र की धीमी कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि RTI और सजग नागरिकों की भूमिका लोकतंत्र में कितनी निर्णायक हो सकती है।




कोई टिप्पणी नहीं

Girl in a jacket