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छत्तीसगढ़ में जमीन रजिस्ट्री में क्रांति: सरकार की नई पहल से बढ़ेगी पारदर्शिता और घटेगा फर्जीवाड़ा

  छत्तीसगढ़ में जमीन रजिस्ट्री में क्रांति: सरकार की नई पहल से बढ़ेगी पारदर्शिता और घटेगा फर्जीवाड़ा बलरामपुर : छत्तीसगढ़ सरकार ने ज़मीन और ...

 छत्तीसगढ़ में जमीन रजिस्ट्री में क्रांति: सरकार की नई पहल से बढ़ेगी पारदर्शिता और घटेगा फर्जीवाड़ा

बलरामपुर : छत्तीसगढ़ सरकार ने ज़मीन और प्रॉपर्टी रजिस्ट्री के क्षेत्र में आमजन को राहत देने और पारदर्शिता बढ़ाने के उद्देश्य से एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। बलरामपुर स्थित संयुक्त जिला कार्यालय में आयोजित कार्यशाला में राज्य सरकार द्वारा रजिस्ट्री प्रक्रिया में किए गए 10 क्रांतिकारी बदलावों की जानकारी दी गई। इस कार्यशाला में कैबिनेट मंत्री रामविचार नेताम, जिला कलेक्टर, जिला पंचायत अध्यक्ष, जनप्रतिनिधि, अधिकारी, वकील और दस्तावेज़ लेखक शामिल हुए।

मंत्री नेताम ने कहा कि रजिस्ट्री के नए नियमों का उद्देश्य आम जनता को सुविधा देना और फर्जीवाड़े पर पूर्ण विराम लगाना है। उन्होंने कहा कि अब कोई भी व्यक्ति किसी और की जगह खड़े होकर ज़मीन की रजिस्ट्री नहीं करा सकेगा, क्योंकि रजिस्ट्री में आधार आधारित बायोमेट्रिक पहचान अनिवार्य कर दी गई है।


प्रमुख परिवर्तन जो रचेंगे नया अध्याय:

1. आधार सत्यापन से फर्जीवाड़े पर अंकुश:

क्रेता और विक्रेता की पहचान अब आधार नंबर और फिंगरप्रिंट से की जाएगी। इससे नकली रजिस्ट्री पर लगाम लगेगी।


2. ऑनलाइन भारमुक्त प्रमाण पत्र:

संपत्ति पर ऋण या बंधक की स्थिति अब ऑनलाइन प्रमाणपत्र के माध्यम से जानी जा सकेगी, जो लोन प्रक्रिया में सहायक होगा।


3. रजिस्ट्री दस्तावेज की डिजिटल उपलब्धता:

खसरा नंबर दर्ज करके संपत्ति की पूर्व रजिस्ट्री जानकारी ली जा सकेगी। दस्तावेज़ डाउनलोड करने की सुविधा भी उपलब्ध होगी।


4. कैशलेस भुगतान प्रणाली:

अब स्टाम्प और पंजीयन शुल्क का भुगतान UPI, डेबिट कार्ड या नेट बैंकिंग से एक साथ संभव होगा।


5. स्मार्ट स्लॉट बुकिंग और WhatsApp सुविधा:

रजिस्ट्री के लिए स्लॉट बुकिंग, दस्तावेज़ स्थिति और रजिस्ट्री कॉपी की जानकारी WhatsApp पर प्राप्त होगी।


6. नामांतरण की स्वचालित प्रक्रिया:

अब रजिस्ट्री के तुरंत बाद स्वतः नामांतरण भी हो जाएगा, जिससे सरकारी योजनाओं का लाभ शीघ्र मिल सकेगा।


7. डिजीडॉक सेवा की शुरुआत:

पक्षकार अब घर बैठे खुद ही दस्तावेज़ बना सकते हैं और डिजिटल रूप में उप-पंजीयक को प्रस्तुत कर सकते हैं।


8. गैर-पंजीकृत दस्तावेज़ों की ऑनलाइन प्रक्रिया:

रेंट एग्रीमेंट, शपथ पत्र, अनुबंध जैसे दस्तावेज़ अब डिजिटल स्टाम्प के साथ घर से तैयार किए जा सकेंगे।


9. घर बैठे रजिस्ट्री की सुविधा:

दस्तावेज़ निर्माण से लेकर स्टाम्प भुगतान और रजिस्ट्री तक की पूरी प्रक्रिया अब ऑनलाइन होगी।


10. शुरुआती चरण में 10 प्रकार के दस्तावेज़ शामिल:

जैसे- मॉर्गेज डीड, किरायानामा आदि।

मंत्री नेताम ने इसे सरकार की एक जन-हितैषी और तकनीकी क्रांति बताया, जिससे न केवल पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि आम नागरिकों को रजिस्ट्री कार्यों में समय, धन और भ्रम से राहत भी मिलेगी।



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