सुकमा से रिपोर्ट: शिक्षित युवा होटल-दुकानों में, कलेक्टर दें ध्यान: सुकमा : जिले में बड़ी संख्या में शिक्षित युवा होटल और दुकानों में काम...
सुकमा से रिपोर्ट: शिक्षित युवा होटल-दुकानों में, कलेक्टर दें ध्यान:
सुकमा : जिले में बड़ी संख्या में शिक्षित युवा होटल और दुकानों में काम करने को मजबूर हैं। डिग्री और डिप्लोमा लेने के बाद भी उन्हें उनके लायक रोजगार नहीं मिल पा रहा। सरकारी नौकरियों की कमी और निजी क्षेत्र में अवसरों का अभाव युवाओं को मजबूरी में छोटा-मोटा काम करने को धकेल रहा है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि कई ऐसे युवा हैं जिन्होंने बीए, एमए, बीएड जैसी योग्यताएं हासिल की हैं, लेकिन आज वे चाय की दुकान, होटल या किराना स्टोर में काम कर रहे हैं। कुछ नौकरी की तलाश में भटकते-भटकते थक चुके हैं और अब परिवार चलाने के लिए यही रास्ता चुना है।
युवाओं की इस स्थिति को देखकर सवाल उठता है—क्या शिक्षा सिर्फ कागज़ का प्रमाणपत्र बनकर रह गई है? रोजगार योजनाओं और स्किल डेवलपमेंट प्रोग्रामों का लाभ जमीन पर क्यों नहीं दिख रहा?
लोगों ने कलेक्टर और जिला प्रशासन से मांग की है कि इस दिशा में गंभीरता से पहल हो। युवाओं के लिए रोजगार मेले आयोजित किए जाएं, स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा मिले, और कौशल आधारित योजनाएं वास्तविक रूप से लागू हों।
यदि अभी ध्यान नहीं दिया गया, तो यह समस्या और गंभीर हो सकती है।
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