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बारिश ने दी दस्तक, पर सूखे हैं बांध: मई के 21 दिनों में 64.4 मिमी वर्षा, अप्रैल से 8 गुना अधिक, फिर भी बांधों का जलस्तर जस का तस

बारिश ने दी दस्तक, पर सूखे हैं बांध: मई के 21 दिनों में 64.4 मिमी वर्षा, अप्रैल से 8 गुना अधिक, फिर भी बांधों का जलस्तर जस का तस: बालोद :  ज...


बारिश ने दी दस्तक, पर सूखे हैं बांध: मई के 21 दिनों में 64.4 मिमी वर्षा, अप्रैल से 8 गुना अधिक, फिर भी बांधों का जलस्तर जस का तस:

बालोद : जिले में इस वर्ष मई की शुरुआत में ही मानसून जैसा माहौल देखने को मिला। बीते 21 दिनों में जिले में कुल 64.4 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई है, जो अप्रैल महीने की तुलना में आठ गुना अधिक है। मौसम विज्ञान विभाग के आंकड़ों के अनुसार यह बारिश औसत से काफी ज्यादा है, पर हैरानी की बात यह है कि जिले के चार प्रमुख बांधों का जलस्तर एक इंच भी नहीं बढ़ा।

स्थानीय किसानों और विशेषज्ञों का कहना है कि यह बारिश अधिकतर बिखरी हुई और असमान रही। ज़्यादातर जल वर्षा बहाव में निकल गई, जिससे भूमिगत जलस्तर पर भी अधिक असर नहीं पड़ा।


मुख्य तथ्य:

64.4 मिमी बारिश दर्ज हुई मई (21 दिन में)।

अप्रैल की तुलना में 8 गुना ज्यादा वर्षा।

चार प्रमुख बांधों – सiyan, गोंडली, देवरी और टांगा – के जलस्तर में कोई वृद्धि नहीं।

कृषि विशेषज्ञों की चिंता: "बारिश का सही उपयोग नहीं हो पा रहा, संरचनाएं कमजोर हैं।"

जल संसाधन विभाग ने भी माना कि बारिश जल संचयन में नहीं बदल पा रही है। विभाग अब पुनर्भरण कुओं, चेक डैम और सतही जल रोकने की तकनीकों पर ध्यान देने की योजना बना रहा है।

स्थानीय किसान नंदू साहू कहते हैं, "बारिश तो हुई, लेकिन खेतों में रुक नहीं पाई। अगर यही हाल रहा तो खरीफ की फसल पर संकट आ सकता है।"

यह परिस्थिति एक स्पष्ट संकेत है कि केवल वर्षा नहीं, बल्कि जल संरक्षण तकनीकों की प्रभावशीलता ही वास्तविक समाधान है।



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