अब हर शहर में तैयार रहेंगे ‘सुरक्षा प्रहरी’ — 8 नए जिलों में बनेगा सिविल डिफेंस नेटवर्क, कलेक्टर बनेंगे कंट्रोलर: रायपुर : ऑपरेशन सिंदूर ...
अब हर शहर में तैयार रहेंगे ‘सुरक्षा प्रहरी’ — 8 नए जिलों में बनेगा सिविल डिफेंस नेटवर्क, कलेक्टर बनेंगे कंट्रोलर:
रायपुर : ऑपरेशन सिंदूर के बाद राज्य में सुरक्षा और आपदा प्रबंधन को लेकर सरकार अब और सतर्क हो गई है। इसी कड़ी में दुर्ग-भिलाई के बाद अब आठ और शहरों में सिविल डिफेंस की इकाइयाँ बनाई जाएंगी, जहाँ आम नागरिकों को भी रक्षा प्रशिक्षण दिया जाएगा। इन शहरों में कलेक्टर कंट्रोलर की भूमिका निभाएंगे।
राज्य सरकार ने रायपुर, कोरबा, रायगढ़, बिलासपुर, जगदलपुर, अंबिकापुर समेत आठ प्रमुख शहरी क्षेत्रों को सिविल डिफेंस डिस्ट्रिक्ट घोषित करने की तैयारी कर ली है। इसका मकसद है — किसी भी आकस्मिक हमले या आपदा की स्थिति में आम जनता को प्रशिक्षित कर आत्मनिर्भर बनाना।
दो दिन की ट्रेनिंग में सिखाई जाएंगी ये स्किल्स: इन शहरों में चयनित वॉलंटियर्स को दो दिवसीय प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिसमें उन्हें निम्नलिखित चीजें सिखाई जाएंगी:
आपदा प्रबंधन और बचाव के बुनियादी कौशल
प्राथमिक उपचार और फर्स्ट रिस्पॉन्डर टेक्निक्स
भीड़ नियंत्रण और सुरक्षित निकासी के तरीके
बेसिक रेडियो कम्युनिकेशन
कलेक्टर निभाएंगे लीड रोल: हर जिले में संबंधित कलेक्टर सिविल डिफेंस के कंट्रोलर होंगे। वे ट्रेनिंग से लेकर आपदा के समय टीमों की तैनाती तक की ज़िम्मेदारी संभालेंगे। साथ ही, पुलिस, फायर ब्रिगेड और जिला प्रशासन के अन्य विभागों के साथ समन्वय बनाएँगे।
क्या है उद्देश्य?
ऑपरेशन सिंदूर जैसे हालात में आम जनता को तैयार रखना
प्राकृतिक आपदाओं और मानवजनित संकटों में त्वरित राहत
युवाओं में सेवा और सुरक्षा की भावना जागृत करना
सरकार का संदेश: 'हर नागरिक बने रक्षक' राज्य सरकार का मानना है कि सुरक्षा केवल फौज या पुलिस की ज़िम्मेदारी नहीं है। हर नागरिक को प्रशिक्षित करके हम एक रक्षा-सक्षम समाज बना सकते हैं। यही इस सिविल डिफेंस मिशन का मूल मंत्र है।
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