कोविड केयर सेंटर बंद, ऑक्सीजन प्लांटों पर ताले; 2021 में हुई थीं 81 हज़ार मौतें रायपुर : दुनिया में एक बार फिर कोरोना वायरस के मामलों में...
कोविड केयर सेंटर बंद, ऑक्सीजन प्लांटों पर ताले; 2021 में हुई थीं 81 हज़ार मौतें
रायपुर : दुनिया में एक बार फिर कोरोना वायरस के मामलों में इज़ाफा देखा जा रहा है। चीन से लेकर अमेरिका और भारत तक, संक्रमण की नई लहर को लेकर चिंताएं फिर से बढ़ रही हैं। ऐसे में सवाल उठता है: अगर फिर लौटा कोरोना, तो छत्तीसगढ़ कितना तैयार है?
2021 की त्रासदी अब भी ताज़ा है
2021 में जब कोरोना की दूसरी लहर ने देश को हिला दिया था, तब छत्तीसगढ़ ने अकेले 81,000 मौतें दर्ज की थीं। अस्पतालों के बाहर कतारें, ऑक्सीजन की कमी, और दिन-रात एम्बुलेंस की आवाजों ने लोगों के मन में स्थायी डर बसा दिया।
अब की स्थिति: तैयारी या लापरवाही?
आज जब दुनिया तीसरी या चौथी लहर की ओर देख रही है, छत्तीसगढ़ के हालात कुछ अलग ही कहानी कहते हैं:
90% कोविड केयर सेंटर बंद हो चुके हैं। जो बचे हैं, वहां न तो पर्याप्त स्टाफ है, न संसाधन।
ऑक्सीजन प्लांटों पर ताले लटक रहे हैं। महामारी के वक्त लगाए गए कई ऑक्सीजन प्लांट अब देखरेख के अभाव में अनुपयोगी हो चुके हैं।
स्टॉक नहीं, स्ट्रेटेजी नहीं: मास्क, PPE किट्स और दवाओं का भंडारण भी नाममात्र है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोई ताज़ा SOP (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) जारी नहीं की गई है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ क्या कहते हैं?
डॉ. मनीष अग्रवाल (एम्स, रायपुर) के अनुसार, "महामारी का खतरा कभी खत्म नहीं होता, यह बार-बार लौटता है। हम जितने ज्यादा लापरवाह होंगे, इसका असर उतना ही भयावह हो सकता है।"
सरकारी दावे और ज़मीनी हकीकत में फर्क
सरकार का दावा है कि "हमें किसी भी स्थिति से निपटने का अनुभव है", लेकिन जब भिलाई के जिला अस्पताल में सिर्फ 3 वेंटिलेटर चालू मिलते हैं, तो यह भरोसा डगमगाने लगता है।
जनता की भूमिका भी अहम
सिर्फ सरकार नहीं, जनता को भी सजग रहने की जरूरत है। मास्क पहनना, हाथ धोना और भीड़ से बचना अभी भी सबसे प्रभावी हथियार हैं।
निष्कर्ष:
कोरोना फिर से दस्तक दे चुका है। सबक हमने पहले भी सीखा, पर क्या हम अब भी लापरवाह रहेंगे? अगर छत्तीसगढ़ को एक और लहर से बचाना है, तो तैयारी आज से ही करनी होगी — नहीं तो फिर वही डर, वही अफरातफरी लौट आएगी।
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