श्री ज्ञानेन्द्र प्रताप सिंह : एक उत्कृष्ट पुलिस अधिकारी ज्ञानेन्द्र प्रताप सिंह, भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के 1991 बैच, असम और मेघालय कैड...
श्री ज्ञानेन्द्र प्रताप सिंह : एक उत्कृष्ट पुलिस अधिकारी
ज्ञानेन्द्र प्रताप सिंह, भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के 1991 बैच, असम और मेघालय कैडर के वरिष्ठ अधिकारी हैं। इन्होंने जनवरी 2023 से जनवरी 2025 तक असम राज्य के पुलिस महानिदेशक (DGP) के रूप में कार्य किया। इसके उपरांत, जनवरी 2025 से केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के महानिदेशक के पद पर आसीन हुए हैं।
असम राज्य में प्रशासनिक अनुभव
- ज़िला पुलिस अधीक्षक के रूप में लगभग 7 वर्ष
- संभागीय उप महानिरीक्षक (DIG) एवं महानिरीक्षक (IG) के रूप में लगभग 7 वर्ष
- क़ानून व्यवस्था प्रमुख के रूप में 3 वर्ष
- सतर्कता एवं भ्रष्टाचार विरोधी निदेशक के रूप में 3 वर्ष
भारत सरकार में केंद्रीय अनुभव
- विशेष सुरक्षा समूह (SPG) में 5 वर्ष
- राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) में 6 वर्ष
आसूचना (इंटेलिजेंस) का अनुभव
श्री सिंह ने 6 वर्ष तक राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) में आईजी इंटेलिजेंस एवं ऑपरेशंस के रूप में कार्य किया है। इस दौरान निम्नलिखित महत्वपूर्ण कार्य संपन्न किए गए:
कश्मीर में खुफिया परिचालन जिसके तहत अलगाववादी नेताओं के खिलाफ साक्ष्य प्राप्त हुए, जिनके आधार पर यासीन मलिक सहित कई अभियुक्तों को दंडित किया गया।
भारत में आईएसआईएस गतिविधियों के खिलाफ खुफिया जानकारी का संग्रह एवं ऑपरेशन; इसी कार्यकाल में एनआईए द्वारा पहली एफआईआर दर्ज की गई।
पंजाब में बीकेआई मॉड्यूल का पर्दाफाश, जो आरएसएस नेताओं की लक्षित हत्या में संलिप्त था।
दुख्तरन-ए-मिल्लत (कश्मीर) की गतिविधियों के खिलाफ खुफिया जानकारी एवं ऑपरेशन।
जाकिर नाइक के नेतृत्व वाले इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन की गतिविधियों के खिलाफ खुफिया जानकारी एवं संचालन।
अन्वेषण (इन्वेस्टिगेशन) का अनुभव
श्री सिंह को असम और एनआईए दोनों में जांच के क्षेत्र में व्यापक अनुभव है। उन्होंने निम्नलिखित महत्वपूर्ण मामलों की जांच का पर्यवेक्षण किया:
समझौता एक्सप्रेस विस्फोट, मालेगांव विस्फोट, अजमेर शरीफ विस्फोट, गोवा विस्फोट
जम्मू-कश्मीर के आतंकी फंडिंग एवं फिदायीन हमलों की जांच, जिससे पाकिस्तान की भूमिका को अंतरराष्ट्रीय मंच पर उजागर करने में सफलता मिली।
उत्तर-पूर्व भारत, पंजाब, जम्मू-कश्मीर, पश्चिम बंगाल में कई आतंकवादी घटनाओं की जांच का पर्यवेक्षण — उल्फा, आईआरएफ, आईएसआईएस, दुख्तरन-ए-मिल्लत, जेएमबी, एबीटी आदि संगठनों की गतिविधियों की जांच।
सतर्कता एवं भ्रष्टाचार विरोधी अनुभव
श्री सिंह ने लगभग 3 वर्ष तक असम सरकार के सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक निदेशालय का नेतृत्व किया। इस कार्यकाल में सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ सफल ट्रैप मामलों की संख्या में लगभग 300% की वृद्धि हुई।
क़ानून व्यवस्था का अनुभव
असम में गंभीर क़ानून व्यवस्था की स्थितियों से निपटने का व्यापक अनुभव।
दिसंबर 2019 में असम में CAA विरोधी प्रदर्शनों के दौरान गृह मंत्रालय द्वारा विशेष दायित्व सौंपा गया, जिसे सफलतापूर्वक निभाया।
मार्च 2024 में CAA नियमों की अधिसूचना के समय प्रदर्शनों को सफलतापूर्वक संभाला।
आतंकवाद विरोधी अभियानों का अनुभव
असम के 80% क्षेत्र से AFSPA हटाने में महत्वपूर्ण भूमिका।
बोडोलैंड और असम के पहाड़ी जिलों से NDFB, NLFB, DHD, KPLT जैसे सभी उग्रवादी समूहों का समूल नाश।
उल्फा का लगभग सफाया; केवल म्यांमार स्थित एक छोटा समूह शेष।
वर्ष 2023 और 2024 — दशकों बाद प्रथम वर्ष जब असम में उग्रवादी हिंसा में किसी नागरिक या सुरक्षाकर्मी की मृत्यु नहीं हुई।
अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एवं समन्वय
एनआईए में आईजी इंटेलिजेंस एवं ऑपरेशंस के कार्यकाल में कई देशों के साथ आतंकवाद विरोधी संयुक्त कार्य समूह (JWG) के सदस्य रहे।
एफबीआई (FBI), आरसीएमपी (RCMP), एएफपी (AFP) जैसी विदेशी एजेंसियों के साथ अंतर्राष्ट्रीय संपर्क और सहयोग का दायित्व निभाया।
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