चार साल से वीरान पड़ा बायोडायवर्सिटी पार्क: 2 करोड़ की लागत, लेकिन नहीं दिख रहा लाभ: मनेंद्रगढ़ (छत्तीसगढ़): प्राकृतिक धरोहरों और जैव विविध...
चार साल से वीरान पड़ा बायोडायवर्सिटी पार्क: 2 करोड़ की लागत, लेकिन नहीं दिख रहा लाभ:
मनेंद्रगढ़ (छत्तीसगढ़): प्राकृतिक धरोहरों और जैव विविधता को संजोने के उद्देश्य से मनेंद्रगढ़ वन मंडल में बना बायोडायवर्सिटी पार्क पिछले चार वर्षों से बंद पड़ा हुआ है। अमृतधारा जलप्रपात के पास, बिहारपुर वन परिक्षेत्र में 300 एकड़ में फैले इस पार्क पर करीब 2 करोड़ रुपए की लागत आई थी। इसके बावजूद, यह आज भी आम लोगों और पर्यटकों के लिए एक बंद दरवाजा ही बना हुआ है।
पार्क के भीतर दो वॉच टावर और एक विशाल हॉल का निर्माण कराया गया है, जिससे पर्यटक वन्य जीवन और प्रकृति की खूबसूरती का आनंद ले सकें। लेकिन अफसोस की बात है कि ना तो इन टावरों पर कोई चढ़ने वाला है, ना ही हॉल में कोई गतिविधि होती है।
स्थानीय लोगों और पर्यटकों में इस बात को लेकर नाराज़गी है कि इतनी बड़ी रकम खर्च करने के बावजूद यह परियोजना धरातल पर सफल नहीं हो सकी। कई पर्यटकों का कहना है कि यदि इस पार्क को सुव्यवस्थित कर खोला जाए, तो यह क्षेत्र पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थान बना सकता है, जिससे स्थानीय रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा।
वन विभाग के अधिकारियों की ओर से अब तक इस पार्क को फिर से शुरू करने की कोई ठोस पहल नहीं की गई है। ऐसे में सवाल उठता है – क्या करोड़ों की लागत से बना यह पार्क सरकारी उदासीनता की भेंट चढ़ जाएगा?
अब उम्मीद की जा रही है कि शासन और प्रशासन इस दिशा में गंभीरता से ध्यान देंगे और इस सुंदर बायोडायवर्सिटी पार्क को फिर से जीवनदान मिलेगा।
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