शांति की ओर एक और कदम, सुरक्षा बलों की रणनीति लाई रंग दंतेवाड़ा, छत्तीसगढ़ : नक्सल प्रभावित क्षेत्र दंतेवाड़ा में शुक्रवार को एक ऐतिहासिक...
शांति की ओर एक और कदम, सुरक्षा बलों की रणनीति लाई रंग
दंतेवाड़ा, छत्तीसगढ़ : नक्सल प्रभावित क्षेत्र दंतेवाड़ा में शुक्रवार को एक ऐतिहासिक मोड़ आया जब 4 इनामी समेत कुल 9 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया। यह आत्मसमर्पण जिला पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों की संयुक्त रणनीति और विश्वास निर्माण प्रयासों का परिणाम माना जा रहा है।
आत्मसमर्पण कार्यक्रम जिले के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में आयोजित किया गया, जिसमें डीआईजी कमलोचन कश्यप, एसपी गौरव राय, 230वीं बटालियन सीआरपीएफ के कमांडेंट अनिल कुमार प्रसाद, 231वीं बटालियन के कमांडेंट सुनिल भंवर, एएसपी स्मृतिक राजनाला, एएसपी पूजा कुमार, तथा एएसपी रामकुमार शामिल थे।
इनामी नक्सलियों की पहचान अभी गोपनीय रखी गई है, लेकिन पुलिस सूत्रों के अनुसार इनमें कई वर्षों से सक्रिय सदस्य शामिल हैं, जिन पर सरकार ने हजारों से लेकर लाखों तक के इनाम घोषित कर रखे थे।
आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों ने बताया कि वे संगठन की आंतरिक हिंसा, विचारहीन नेतृत्व और आदिवासी युवाओं के शोषण से निराश थे। अब वे समाज में शांति और विकास की राह पर चलने के इच्छुक हैं।
अधिकारियों का बयान:
एसपी गौरव राय ने कहा, “यह आत्मसमर्पण न केवल एक रणनीतिक सफलता है, बल्कि यह इस बात का संकेत भी है कि नक्सल संगठन अब अपनी पकड़ खो रहा है। हम इन युवाओं को पुनर्वास योजना के तहत हर संभव सहायता देंगे।”
पुनर्वास की दिशा में पहल:
सरकार की पुनर्वास नीति के तहत आत्मसमर्पण करने वाले सभी नक्सलियों को प्रशिक्षण, रोजगार, और वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाएगी ताकि वे सम्मानजनक जीवन जी सकें।
यह घटना न केवल सुरक्षा बलों के लिए एक उपलब्धि है, बल्कि यह संदेश भी देती है कि हिंसा का रास्ता छोड़कर विकास की मुख्यधारा से जुड़ना ही सही विकल्प है।
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