रायपुर निगम में प्रशासनिक बदलाव की बयार: दस जोन कमिश्नरी में आएंगे डिप्टी कलेक्टर रैंक के अफसर: रायपुर : छत्तीसगढ़ में नगरीय प्रशासन की व...
रायपुर निगम में प्रशासनिक बदलाव की बयार: दस जोन कमिश्नरी में आएंगे डिप्टी कलेक्टर रैंक के अफसर:
रायपुर : छत्तीसगढ़ में नगरीय प्रशासन की व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया जा रहा है। रायपुर नगर निगम समेत दुर्ग-भिलाई और बिलासपुर नगर निगमों में अब राज्य प्रशासनिक सेवा (राप्रसे) के डिप्टी कलेक्टर रैंक के अफसरों की प्रतिनियुक्ति की जा रही है। सुशासन तिहार के समापन के बाद मई के अंत तक रायपुर के दस जोन कमिश्नरी में ये अधिकारी पदस्थ किए जा सकते हैं।
नगर निगम रायपुर में पहले भी राप्रसे के अफसरों की नियुक्ति की मिसालें रही हैं—तारनप्रकाश सिन्हा, पुलक भट्टाचार्य और अरविंद शर्मा जैसे अफसरों ने अपने कार्यकाल में नगर प्रशासन में उल्लेखनीय योगदान दिया है। वर्तमान में निगम में राप्रसे से यूएस अग्रवाल, राजेंद्र प्रसाद गुप्ता और डॉ. अंजलि शर्मा कार्यरत हैं। इनमें से श्री गुप्ता सितंबर में सेवानिवृत्त होंगे।
असमान ग्रेड पे से असंतुलन:
फिलहाल जोन कमिश्नर के पद पर नगरपालिका सेवा के क्लास-2 अधिकारियों की नियुक्ति है, जबकि उन्हीं जोनों में कार्य कर रहे कार्यपालन अभियंता क्लास-1 रैंक में आते हैं। इससे प्रशासनिक संतुलन प्रभावित हो रहा है। प्रस्तावित बदलाव के तहत जोन कमिश्नर के पद पर डिप्टी कलेक्टर जैसे क्लास-1 अफसरों की नियुक्ति से इस असंतुलन को दूर किया जाएगा।
25 अफसरों की मांग, कामकाज में तेजी की उम्मीद:
नगरीय प्रशासन संचालनालय ने अवर सचिव को भेजे गए पत्र में 25 राज्य प्रशासनिक सेवा अधिकारियों की मांग की है, जिन्हें अपर आयुक्त, जोन आयुक्त और उपायुक्त जैसे पदों पर बैठाया जाएगा। विभागीय सूत्रों का कहना है कि बड़े नगर निगमों में अभी नगरपालिका सेवा के अफसरों की सीमित क्षमता के चलते कार्य प्रभावित हो रहा है।
सेटअप में उल्लंघन पर भी उठे सवाल:
वर्तमान निगम सेटअप में अपर आयुक्त का ग्रेड पे 7600 और कार्यपालन अभियंता का 6600 है, जबकि जोन कमिश्नर का ग्रेड पे 5400 है। यदि डिप्टी कलेक्टर रैंक के अफसर जोन कमिश्नर बनाए जाते हैं तो उन्हें संतुलन हेतु त्वरित प्रमोशन देना आवश्यक होगा।
स्वास्थ्य व्यवस्था में भी बदलाव की जरूरत:
स्वास्थ्य एवं सफाई अधिकारी के पद पर निगम के सेटअप में एमबीबीएस या आयुर्वेदिक डिग्रीधारी अफसर का प्रावधान है, परंतु पिछले कई वर्षों से होम्योपैथी चिकित्सा अधिकारियों को इस पद पर नियुक्त किया गया है। रायपुर निगम में वर्तमान में डॉ. तृप्ति पाणिग्रही और डॉ. दिव्या चंद्रवंशी कार्यरत हैं। अब संचालनालय स्तर पर इस व्यवस्था में भी सुधार की चर्चा चल रही है और 'सैनेटरी एक्सपर्ट' की पदस्थापना की मांग जोर पकड़ रही है।
निष्कर्ष:
रायपुर जैसे बड़े नगर निगम में डिप्टी कलेक्टर रैंक के अधिकारियों की तैनाती से न केवल प्रशासनिक दक्षता बढ़ेगी, बल्कि विभागीय कार्यों में भी समन्वय और गति आएगी। इसके साथ ही स्वास्थ्य और सफाई जैसे महत्वपूर्ण विभागों में विशेषज्ञों की नियुक्ति से सेवाओं की गुणवत्ता में भी सुधार होने की उम्मीद है।
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