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प्रशासन की लापरवाही बनी चार छात्रों के भविष्य पर भारी: घायल खेमलाल मौर्य बिना उपचार के परीक्षा से वंचित

  प्रशासन की लापरवाही बनी चार छात्रों के भविष्य पर भारी: घायल खेमलाल मौर्य बिना उपचार के परीक्षा से वंचित: कोंडागांव :  जिले में आयोजित पीएट...

 प्रशासन की लापरवाही बनी चार छात्रों के भविष्य पर भारी: घायल खेमलाल मौर्य बिना उपचार के परीक्षा से वंचित:

कोंडागांव : जिले में आयोजित पीएटी (PAT) परीक्षा इस बार न सिर्फ छात्रों के लिए परीक्षा की घड़ी बनी, बल्कि प्रशासन के लिए भी एक कड़ी परीक्षा साबित हुई। अफसोसजनक रूप से, यह परीक्षा चार छात्रों के भविष्य को निगल गई — और इसकी सबसे बड़ी वजह थी परीक्षा केंद्रों पर प्रशासनिक अव्यवस्था।

घायल होकर भी पहुँचे केंद्र, पर नहीं मिली मदद:

मालगांव निवासी खेमलाल मौर्य समय से पहले अपने परीक्षा केंद्र की ओर बाइक से रवाना हुए, लेकिन रास्ते में उनका एक्सीडेंट हो गया। गंभीर चोटों के बावजूद उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और किसी तरह केंद्र तक पहुँचे, मगर वहां न तो प्राथमिक उपचार की सुविधा थी और न ही कोई चिकित्सा कर्मी मौजूद।


न इलाज मिला, न परीक्षा देने का अवसर:

बिना इलाज के खेमलाल की हालत बिगड़ती गई, और आखिरकार उन्हें परीक्षा में बैठने से रोक दिया गया। यह लापरवाही न सिर्फ अमानवीय है बल्कि छात्रों के भविष्य से सीधा खिलवाड़ है। इसी तरह अन्य तीन छात्र भी व्यवस्था की कमी के कारण परीक्षा नहीं दे सके।


प्रशासन बना मूकदर्शक:

जब पत्रकारों ने इस लापरवाही को लेकर जिला प्रशासन से संपर्क किया, तो कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिला। शिक्षा विभाग की ओर से भी कोई ठोस प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। यह घटना कई सवाल खड़े करती है — क्या परीक्षा केंद्रों पर प्राथमिक चिकित्सा जैसी बुनियादी सुविधा की जिम्मेदारी प्रशासन की नहीं है?


छात्रों में आक्रोश, अभिभावकों में निराशा:

घटना के बाद से छात्रों में भारी आक्रोश और अभिभावकों में गहरी नाराजगी है। वे मांग कर रहे हैं कि जिन छात्रों को प्रशासन की गलती से परीक्षा से वंचित होना पड़ा, उनके लिए विशेष व्यवस्था की जाए या दोबारा परीक्षा का अवसर दिया जाए।


न्याय की उम्मीद:

अब नजरें प्रशासन पर टिकी हैं — क्या वह इस भूल को सुधारेगा और छात्रों को न्याय दिलाएगा, या यह मामला भी बाकी खबरों की तरह फाइलों में दब जाएगा?




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