Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

ब्रेकिंग :

latest

Ads

Girl in a jacket

दो साल में 22 करोड़ के 401 इनामी नक्सली ढेर: अब इनामी राशि का होगा सही उपयोग

जोखिम उठाने वाले जवानों और स्थानीय मददगारों को भी मिलेगा उचित सम्मान व इनाम: रायपुर :  बस्तर संभाग में सुरक्षाबलों की सटीक रणनीति और लगातार ...


जोखिम उठाने वाले जवानों और स्थानीय मददगारों को भी मिलेगा उचित सम्मान व इनाम:

रायपुर : बस्तर संभाग में सुरक्षाबलों की सटीक रणनीति और लगातार चल रहे नक्सल विरोधी अभियानों ने पिछले दो वर्षों में ऐतिहासिक सफलता दिलाई है। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जिलों में 401 इनामी नक्सलियों को मार गिराया गया है, जिन पर कुल 22 करोड़ रुपए का इनाम घोषित था।

इन उपलब्धियों ने जहां क्षेत्र में शांति की उम्मीदें जगाई हैं, वहीं एक बड़ा प्रश्न भी सामने आया है – इन नक्सलियों पर घोषित इनामी राशि का क्या होगा?


सरकार ने बनाई स्पष्ट नीति:

छत्तीसगढ़ शासन ने इस प्रश्न का उत्तर एक सुव्यवस्थित नीति के रूप में दिया है। अब मारे गए या गिरफ्तार इनामी नक्सलियों पर घोषित राशि उन सुरक्षाकर्मियों और आम नागरिकों को दी जाएगी, जिन्होंने ऑपरेशन में साहसिक योगदान दिया या गोपनीय सूचनाएं साझा कर मदद की।


गृह विभाग की योजना के तहत इनामी राशि तीन हिस्सों में बाँटी जाएगी:

1. सुरक्षाबलों के ऑपरेशन में शामिल जवानों को

2. गोपनीय जानकारी देने वाले स्थानीय नागरिकों को

3. विशेष रूप से साहसी या जोखिम उठाने वाले कर्मियों को अतिरिक्त प्रोत्साहन स्वरूप


इनामी राशि के उपयोग से बढ़ेगा मनोबल:

विशेषज्ञों का मानना है कि यह निर्णय केवल एक वित्तीय इनाम नहीं, बल्कि मनोबल और प्रेरणा का स्रोत होगा। इससे सुरक्षाबलों की हौसला अफजाई होगी और आम जनता भी सहयोग करने को आगे आएगी।

बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने बताया, "हर ऑपरेशन के बाद विश्लेषण किया जाता है कि कौन-कौन इसमें मुख्य भूमिका में था। उनके योगदान के आधार पर इनामी राशि का वितरण किया जाएगा।"


जमीन से मिली सफलता, नीति से मिलेगी स्थायित्व:

यह नीतिगत पहल छत्तीसगढ़ के 'हार्डकोर नक्सलवाद से मुक्ति' अभियान को स्थायी स्वरूप देने में सहायक होगी।

विशेषकर जब स्थानीय ग्रामीणों और युवाओं को सम्मानित किया जाएगा, तब यह संदेश जाएगा कि कानून के साथ खड़ा होना न केवल सुरक्षित है, बल्कि गर्व का विषय भी।


निष्कर्ष:

छत्तीसगढ़ की यह पहल एक उदाहरण है कि कैसे संवेदनशील सुरक्षा नीतियों और स्थानीय सहभागिता से नक्सलवाद जैसे गंभीर संकट को प्रभावी ढंग से चुनौती दी जा सकती है। अब इनाम केवल नक्सलियों के सिर की कीमत नहीं, बल्कि शांति और साहस का सम्मान बन चुका है।


कोई टिप्पणी नहीं

Girl in a jacket