पानी को साक्षी मानकर 144 जोड़ों ने रचाई अनोखी शादी, परंपरा और एकता का बना अद्वितीय उदाहरण: जगदलपुर : धुरवा समाज के 19वें स्थापना दिवस के मौ...
पानी को साक्षी मानकर 144 जोड़ों ने रचाई अनोखी शादी, परंपरा और एकता का बना अद्वितीय उदाहरण:
जगदलपुर : धुरवा समाज के 19वें स्थापना दिवस के मौके पर जगदलपुर में एक अद्भुत और भावुक क्षण साकार हुआ, जब 144 जोड़ों ने समाज की परंपराओं का सम्मान करते हुए पानी को साक्षी मानकर विवाह किया। इस अवसर पर समाज के 44 युवक-युवतियों ने जीवनभर साथ निभाने का वादा किया और बुजुर्गों से आशीर्वाद प्राप्त कर एक नई शुरुआत की।
यह आयोजन सिर्फ एक विवाह समारोह नहीं था, बल्कि सांस्कृतिक पहचान, सामूहिक एकता और सामाजिक समर्पण का प्रतीक बन गया। धुरवा समाज की वर्षों पुरानी परंपरा के अनुसार, जल को साक्षी मानकर विवाह किया जाता है—जो शुद्धता, जीवन और समर्पण का प्रतीक माना जाता है।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में समाज के सदस्य, बुजुर्ग, और गणमान्य अतिथि शामिल हुए। पहली बार इतने बड़े स्तर पर सामूहिक विवाह का आयोजन किया गया, जिससे आयोजन स्थल एक उत्सव स्थल में तब्दील हो गया। ढोल-नगाड़ों की गूंज, पारंपरिक वेशभूषा में सजे नवविवाहित जोड़े और हर्षोल्लास का माहौल—हर पल को खास बना गया।
समाज के वरिष्ठ जनों ने नवविवाहितों को आशीर्वाद देते हुए कहा, "यह सिर्फ एक विवाह नहीं, बल्कि परंपरा और सामाजिक एकता की विरासत को आगे बढ़ाने का संकल्प है।"
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