पंडरीपानी के लोग 32 साल से तरस रहे साफ पानी को, गंदा कुआं बना जीने का सहारा: तमता : आज़ादी के दशकों बाद भी पंडरीपानी गांव के लोग बुनियादी...
पंडरीपानी के लोग 32 साल से तरस रहे साफ पानी को, गंदा कुआं बना जीने का सहारा:
तमता : आज़ादी के दशकों बाद भी पंडरीपानी गांव के लोग बुनियादी ज़रूरतों के लिए जूझ रहे हैं। गांव में आज तक नल की जल सुविधा नहीं है। करीब 32 साल से ग्रामीण एक पुराने, गंदे कुएं के भरोसे हैं।
गांव पहाड़ी इलाके में बसा है, जिस वजह से बोरिंग के तमाम प्रयास नाकाम हो चुके हैं। बरसात के मौसम में स्थिति और बिगड़ जाती है—कुआं पानी से लबालब भर जाता है, जिससे गंदगी और सड़न बढ़ जाती है।
ग्रामीणों को मजबूरी में यही दूषित पानी पीना पड़ता है, जिससे पेट की बीमारियों का खतरा हमेशा बना रहता है। कई बार बच्चे और बुजुर्ग बीमार भी हुए हैं, लेकिन अब तक कोई स्थायी समाधान नहीं निकला।
स्थानीय लोगों ने कई बार प्रशासन से गुहार लगाई है, मगर नतीजा आज भी शून्य है। पंडरीपानी के लोग अब भी उम्मीद लगाए हैं कि कोई उनकी पीड़ा सुनेगा और उन्हें साफ पानी का हक मिलेगा।
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