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आतंक का कोई मजहब नहीं होता: अब्दुल

  आतंक का कोई मजहब नहीं होता: अब्दुल: बैकुंठपुर :  जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के विरोध में शुक्रवार को मुस्लिम समाज ने एकजुट ...

 आतंक का कोई मजहब नहीं होता: अब्दुल:

बैकुंठपुर : जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के विरोध में शुक्रवार को मुस्लिम समाज ने एकजुट होकर विरोध दर्ज कराया। जुमे की नमाज के बाद जामा मस्जिद से सैकड़ों लोग काली पट्टी बांधकर शांति रैली में शामिल हुए।

रैली के दौरान लोगों ने "पाकिस्तान मुर्दाबाद", "आतंकवाद हाय-हाय" जैसे नारे लगाए और देश में अमन-चैन की दुआ की। समाजसेवी अब्दुल ने कहा, "आतंक का कोई मजहब नहीं होता। इंसानियत के दुश्मनों को किसी भी धर्म से जोड़ना गलत है।"

इस आयोजन में युवाओं से लेकर बुजुर्गों तक ने भाग लिया। रैली नगर के प्रमुख मार्गों से होकर गुज़री और प्रशासन ने भी सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम किए थे।

मुस्लिम समाज का यह कदम नफरत के खिलाफ एक मजबूत संदेश के रूप में देखा जा रहा है।


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