स्वैप ट्रांसप्लांट से दो परिवारों को मिला नया जीवन: रायपुर : एम्स में पहली बार स्वैप किडनी ट्रांसप्लांट की सफल प्रक्रिया ने दो जिंदगियों क...
स्वैप ट्रांसप्लांट से दो परिवारों को मिला नया जीवन:
रायपुर : एम्स में पहली बार स्वैप किडनी ट्रांसप्लांट की सफल प्रक्रिया ने दो जिंदगियों को मौत के मुंह से बाहर निकाल लिया। बिलासपुर के रहने वाले दो किडनी मरीजों की पत्नियों का ब्लड ग्रुप अपने-अपने पति से मेल नहीं खा रहा था। ऐसे में डॉक्टरों ने ‘स्वैप ट्रांसप्लांट’ का सुझाव दिया — जिसमें दोनों महिलाओं ने एक-दूसरे के पति को किडनी दान की।
ये ट्रांसप्लांट किडनी फेलियर की लास्ट स्टेज तक पहुंच चुके मरीजों के लिए किसी चमत्कार से कम नहीं था। डॉक्टरों की टीम ने सावधानीपूर्वक इस जटिल प्रक्रिया को अंजाम दिया, जिससे दोनों मरीज अब स्वस्थ हैं और नई जिंदगी जी रहे हैं।
एम्स के अनुसार, यह संस्थान में पहली बार हुआ जब इस तरह का स्वैप किडनी ट्रांसप्लांट किया गया। डॉक्टरों ने बताया कि इस प्रक्रिया में दोनों दाताओं और प्राप्तकर्ताओं का मेडिकल और इमोशनल संतुलन बेहद जरूरी था।
यह मामला न सिर्फ मेडिकल साइंस की एक बड़ी सफलता है, बल्कि इंसानियत की मिसाल भी है — जहां दो महिलाओं ने अपने पति के लिए अपनी जान की बाज़ी लगाकर, एक-दूसरे के परिवार को जीवनदान दिया।
इस कदम ने यह साबित कर दिया कि जब विज्ञान और मानवीय संवेदना साथ चलें, तो चमत्कार हो सकते हैं।
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