हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी धड़ल्ले से बज रहे कानफोड़ू DJ, बिलासपुर हादसे पर पुलिस और वकीलों में मतभेद: बिलासपुर : हाईकोर्ट के सख्त निर्दे...
हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी धड़ल्ले से बज रहे कानफोड़ू DJ, बिलासपुर हादसे पर पुलिस और वकीलों में मतभेद:
बिलासपुर : हाईकोर्ट के सख्त निर्देशों के बावजूद शहर और ग्रामीण इलाकों में तेज आवाज में DJ बजाने की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं। ताजा मामला बिलासपुर के मल्हार क्षेत्र के केंवटपारा का है, जहां नववर्ष की शोभायात्रा के दौरान DJ की तेज ध्वनि के चलते मकान का छज्जा गिर गया, जिससे 4 बच्चों समेत 10 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। इनमें एक मासूम ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। इस हादसे के बाद पुलिस और कानूनी विशेषज्ञों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है।
पुलिस ने DJ को क्लीन चिट दी, वकील बोले- आरोपियों को बचाने की कोशिश:
हादसे के बाद स्थानीय पुलिस ने अपनी प्रारंभिक जांच में DJ की आवाज को जिम्मेदार मानने से इनकार कर दिया। पुलिस का कहना है कि छज्जा मेटाडोर के मकान से टकराने की वजह से गिरा, न कि DJ की तेज आवाज के कारण। इस बयान के बाद कानूनी विशेषज्ञों और स्थानीय नागरिकों में आक्रोश फैल गया। वकीलों का कहना है कि पुलिस आरोपियों को बचाने के लिए झूठी कहानी गढ़ रही है और वास्तविक कारणों को छिपा रही है।
हाईकोर्ट के आदेश की खुलेआम अवहेलना:
गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने पहले ही आदेश दिया था कि सार्वजनिक आयोजनों में DJ की ध्वनि सीमा तय मानकों से अधिक नहीं होनी चाहिए। बावजूद इसके, प्रशासन इन नियमों को लागू करने में असफल नजर आ रहा है। यह घटना प्रशासनिक लापरवाही और हाईकोर्ट के आदेशों की अनदेखी का जीता-जागता उदाहरण है।
स्थानीय लोगों में आक्रोश, सख्त कार्रवाई की मांग:
इस घटना के बाद स्थानीय लोगों में नाराजगी है। लोगों का कहना है कि DJ की तेज आवाज से कई बार दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन प्रशासन इन पर लगाम लगाने में नाकाम साबित हो रहा है। उन्होंने दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।
क्या होगी आगे की कार्रवाई?
अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है। क्या दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी, या फिर यह मामला भी अन्य मामलों की तरह जांच के नाम पर ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा? हाईकोर्ट के आदेशों का पालन सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन को अब कड़े फैसले लेने होंगे, अन्यथा इसी तरह के हादसे भविष्य में भी होते रहेंगे।
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