छत्तीसगढ़ के 'गोबर वाले हनुमान जी': 17वीं सदी की मूर्ति, 350 सालों से जल रही अखंड ज्योति: छत्तीसगढ़ : के भिलाई स्थित जामुल थाना क...
छत्तीसगढ़ के 'गोबर वाले हनुमान जी': 17वीं सदी की मूर्ति, 350 सालों से जल रही अखंड ज्योति:
छत्तीसगढ़ : के भिलाई स्थित जामुल थाना क्षेत्र में मौजूद ‘गोबर वाले हनुमान जी’ की अनोखी गाथा लोगों की आस्था का केंद्र बनी हुई है। 17वीं शताब्दी में बनी यह मूर्ति न केवल गोबर से बनी होने के कारण चर्चा में है, बल्कि बीते 350 वर्षों से यहां अखंड अग्नि जल रही है — और यही इसे खास बनाता है।
स्थानीय श्रद्धालु इस मूर्ति को दिव्य मानते हैं। हनुमान जयंती के मौके पर यहां भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ती है। मान्यता है कि मूर्ति की स्थापना के बाद से यहां चमत्कारिक घटनाएं होती रही हैं। गोबर से बनी होने के बावजूद यह मूर्ति आज भी जस की तस है — न बारिश, न धूप और न समय इसकी आभा को मिटा सका है।
इस प्राचीन स्थल पर जल रही अखंड अग्नि को भक्त हनुमान जी की शक्ति का प्रतीक मानते हैं। इसे बुझने नहीं दिया गया है और पीढ़ी दर पीढ़ी इसकी देखरेख होती रही है।
‘गोबर वाले हनुमान जी’ न सिर्फ श्रद्धा का प्रतीक हैं, बल्कि लोक आस्था और परंपरा की एक जीवित मिसाल भी हैं।
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