बादलखोल अभयारण्य संकट में: घटते वन्यजीव, बढ़ती निगरानी: नारायणपुर (जशपुर) : 48 साल पुराना बादलखोल अभयारण्य, जो कभी छत्तीसगढ़ के वन्यजीवों...
बादलखोल अभयारण्य संकट में: घटते वन्यजीव, बढ़ती निगरानी:
नारायणपुर (जशपुर) : 48 साल पुराना बादलखोल अभयारण्य, जो कभी छत्तीसगढ़ के वन्यजीवों का सुरक्षित ठिकाना माना जाता था, अब संकट के दौर से गुजर रहा है। जानवरों की संख्या में लगातार गिरावट देखी जा रही है, जिससे वन विभाग की चिंता बढ़ गई है।
वन विभाग के मुताबिक, अभयारण्य में हाथियों का ठिकाना होने के बावजूद अन्य वन्यप्राणियों की उपस्थिति कम होती जा रही है। इसके पीछे मुख्य वजहें अतिक्रमण, अवैध लकड़ी कटाई, और बढ़ती मानवीय दखल बताई जा रही हैं।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए वन विभाग ने सभी बीटों पर निगरानी बढ़ा दी है। ड्रोन कैमरे, गश्ती दल और कैमरा ट्रैप के ज़रिए अभयारण्य पर 24 घंटे नजर रखी जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि संरक्षण के प्रयास तेज किए जा रहे हैं, लेकिन इसके लिए स्थानीय लोगों का सहयोग भी ज़रूरी है।
बादलखोल की जैव विविधता को बचाने के लिए अब निर्णायक कदम उठाने की जरूरत है। वरना वह दिन दूर नहीं जब यह कभी का समृद्ध अभयारण्य सिर्फ एक नाम बनकर रह जाएगा।
कोई टिप्पणी नहीं