नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन का असर: दो दिन में 81 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण: छत्तीसगढ़ : तेलंगाना बॉर्डर पर सुरक्षा बलों के लगातार दबाव ...
नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन का असर: दो दिन में 81 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण:
छत्तीसगढ़ : तेलंगाना बॉर्डर पर सुरक्षा बलों के लगातार दबाव और रसद आपूर्ति बाधित होने के चलते नक्सली संगठन कमजोर पड़ने लगे हैं। ऑपरेशन के बढ़ते प्रभाव के कारण बीते दो दिनों में 81 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया।
तेलंगाना में मल्टी जोन-1 के आईजी पी. चंद्रशेखर रेड्डी की मौजूदगी में आत्मसमर्पण करने वालों में बीजापुर और सुकमा जिले के कई शीर्ष नक्सली कमांडर शामिल हैं। इनमें डीवीसीएम, एसीएम, मिलिशिया और पीपीसीएम कैडर के सदस्य भी हैं।
सुरक्षा बलों के दबाव में टूटा नक्सली नेटवर्क:
छत्तीसगढ़ और तेलंगाना के सीमावर्ती इलाकों में बीते कुछ महीनों से सुरक्षा बलों ने नक्सल विरोधी अभियान तेज कर दिया है। इस ऑपरेशन के तहत नक्सलियों की रसद सप्लाई और हथियारों की आपूर्ति पर लगातार प्रहार किया गया। इसका सीधा असर नक्सली संगठनों पर पड़ा, जिससे वे कमजोर पड़ने लगे।
खुफिया इनपुट के आधार पर सुरक्षा बलों ने उनके ठिकानों पर दबिश बढ़ा दी, जिससे कई नक्सली अपने ही साथियों से कट गए। अब गोलीबारी और गिरफ्तारी के डर से वे आत्मसमर्पण करने को मजबूर हो रहे हैं।
बड़ी संख्या में आत्मसमर्पण से नक्सली संगठन को झटका:
विशेषज्ञों के अनुसार, इतने बड़े पैमाने पर नक्सलियों का आत्मसमर्पण होना सुरक्षा बलों की बड़ी सफलता है। इससे न केवल जंगल में सक्रिय नक्सली नेटवर्क कमजोर होगा, बल्कि अन्य नक्सलियों का मनोबल भी टूटेगा।
सुरक्षा एजेंसियां अब आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों से गुप्त जानकारी हासिल कर रही हैं, जिससे नक्सली मूवमेंट और उनके हथियार आपूर्ति तंत्र पर और प्रभावी कार्रवाई की जा सके। अधिकारियों का कहना है कि ऑपरेशन जारी रहेगा और जल्द ही और भी बड़े नक्सली नेताओं के आत्मसमर्पण की संभावना है।
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