20 साल बाद पानी पहुंचा इंद्रावती: किसानों ने खुद साफ किया जोरा नाला, सरकारें सिर्फ बैठकें करती रहीं: बस्तर : इंद्रावती नदी और सूखती फसलों...
20 साल बाद पानी पहुंचा इंद्रावती: किसानों ने खुद साफ किया जोरा नाला, सरकारें सिर्फ बैठकें करती रहीं:
बस्तर : इंद्रावती नदी और सूखती फसलों को बचाने के लिए किसानों ने बुधवार को ऐतिहासिक कदम उठाया। बस्तर, लोहंडीगुड़ा और तोकापाल ब्लॉक के सैकड़ों किसान इंद्रावती बचाओ संघर्ष समिति के नेतृत्व में अचानक जोरा नाले पर पहुंचे और खुद ही सफाई अभियान शुरू कर दिया। 20 साल से विवादित इस नाले में पड़े पत्थर और रेत हटाने के बाद छत्तीसगढ़ की सूख रही इंद्रावती नदी में पानी का बहाव शुरू हो गया।
सरकारें सिर्फ बैठकें करती रहीं, किसान उतरे मैदान में:
जोरा नाला लंबे समय से छत्तीसगढ़ और ओडिशा के बीच विवाद का कारण बना हुआ था। प्रशासनिक अधिकारी सिर्फ बैठकें करते रहे, लेकिन कोई ठोस समाधान नहीं निकला। आखिरकार किसानों ने खुद कमान संभाली और पानी को छत्तीसगढ़ की ओर मोड़ने में सफल रहे।
इंद्रावती का जलस्तर बढ़ने से किसानों को राहत:
किसानों के इस प्रयास से इंद्रावती नदी का जलस्तर बढ़ा है, जिससे सिंचाई की समस्या काफी हद तक दूर होने की उम्मीद है। यह नदी बस्तर के हजारों किसानों की जीवनरेखा है, लेकिन नाले की गाद और रेत जमा होने से इसका प्रवाह ओडिशा की ओर चला जाता था। अब उम्मीद की जा रही है कि किसानों की इस पहल से इलाके में जल संकट कम होगा।
"अगर प्रशासन नहीं करेगा, तो हमें खुद करना होगा"
एक किसान नेता ने कहा, "हमने सालों तक अफसरों के भरोसे बैठकर अपनी फसलें तबाह कर लीं। जब कोई सुनवाई नहीं हुई, तो हमें खुद आकर पानी का रास्ता साफ करना पड़ा।"
यह आंदोलन यह दिखाता है कि अगर जनता संगठित हो जाए, तो बड़ी से बड़ी समस्या का समाधान संभव है।
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