अमृतकाल में भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित यह गांव, सड़क निर्माण बना घोटाले की भेंट! खैरागढ़ : भारत जहां अंतरिक्ष से लेकर डिजिटल क्रांति तक ...
अमृतकाल में भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित यह गांव, सड़क निर्माण बना घोटाले की भेंट!
खैरागढ़ : भारत जहां अंतरिक्ष से लेकर डिजिटल क्रांति तक नई ऊंचाइयों को छू रहा है, वहीं छत्तीसगढ़ का एक गांव अब भी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहा है। मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र की सीमा पर स्थित यह गांव आजादी के 75 वर्षों बाद भी विकास की दौड़ में पिछड़ा हुआ है।
नक्सल आतंक से राहत, पर विकास अधूरा:
कभी नक्सलियों की दहशत में जीने को मजबूर इस गांव के लोगों को आईटीबीपी कैंप की स्थापना के बाद सुरक्षा तो मिली, लेकिन उनकी जिंदगी में कोई बुनियादी सुधार नहीं हुआ। सड़क, बिजली, पानी, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी सुविधाएं यहां आज भी सपना बनी हुई हैं।
सड़क निर्माण में बड़ा घोटाला:
गांव के विकास की उम्मीद तब जगी जब सरकार ने सड़क निर्माण का कार्य स्वीकृत किया। लेकिन यह उम्मीद जल्द ही घोटाले की भेंट चढ़ गई। ग्रामीणों का आरोप है कि ठेकेदारों ने अधिकारियों से मिलीभगत कर सड़क निर्माण के नाम पर केवल मिट्टी डालकर खानापूर्ति कर दी और सरकारी फंड का गबन कर लिया। नतीजतन, बरसात के दिनों में यह सड़क दलदल में बदल जाती है और ग्रामीणों को आवागमन में भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
कब मिलेगा विकास का हक?
गांव के लोग बार-बार प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। सवाल उठता है कि ‘अमृतकाल’ में भी यह गांव कब तक मूलभूत सुविधाओं से वंचित रहेगा? ग्रामीणों की मांग है कि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए और अधूरी परियोजनाओं को जल्द से जल्द पूरा किया जाए, ताकि वे भी देश के विकास में शामिल हो सकें।
कोई टिप्पणी नहीं