छात्राओं को मिली साइकिल, 12 किमी पैदल स्कूल जाने की मजबूरी खत्म: छत्तीसगढ़ : के बस्तर जिले में इंद्रावती नदी के पार बसे गांवों के लोगों क...
छात्राओं को मिली साइकिल, 12 किमी पैदल स्कूल जाने की मजबूरी खत्म:
छत्तीसगढ़ : के बस्तर जिले में इंद्रावती नदी के पार बसे गांवों के लोगों के लिए यह समय बदलाव और नई उम्मीदों का है। कभी नक्सलवाद के साये में घुटन महसूस करने वाले ये ग्रामीण अब आजादी का अहसास कर रहे हैं। वे लोग, जो कभी पुलिस फोर्स को देखकर भाग जाते थे, अब खुद सुरक्षा कैंप पहुंचकर जवानों का स्वागत कर रहे हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि लंबे समय तक नक्सलियों के डर से वे न तो खुलकर जी सकते थे और न ही विकास की मुख्यधारा में शामिल हो पाते थे। लेकिन अब जब नक्सलवाद का प्रभाव कम हो रहा है, तो वे राहत की सांस ले रहे हैं।
छात्राओं को मिली साइकिल, शिक्षा का सफर हुआ आसान:
इस क्षेत्र की छात्राओं के लिए भी यह नया दौर राहत लेकर आया है। पहले उन्हें स्कूल जाने के लिए 12 किलोमीटर की लंबी दूरी पैदल तय करनी पड़ती थी। लेकिन अब सरकार द्वारा उन्हें साइकिल दी गई है, जिससे उनकी शिक्षा की राह आसान हो गई है।
"अब हम आजाद महसूस करते हैं:
गांव के लोगों का कहना है कि नक्सलवाद के कारण वे हमेशा डर और तनाव में रहते थे। लेकिन अब वे बिना भय के जीवन जी रहे हैं और विकास की ओर कदम बढ़ा रहे हैं। सुरक्षा बलों की सक्रियता और सरकार की योजनाओं के चलते अब वे अपनी जमीन, अपने गांव और अपने भविष्य को सुरक्षित महसूस कर रहे हैं।
यह बदलाव न सिर्फ ग्रामीणों के जीवन में नया सवेरा लेकर आया है, बल्कि यह बस्तर के उन इलाकों के विकास की भी नई कहानी लिख रहा है, जो सालों से नक्सलवाद के साये में सिमटे हुए थे।
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