टेंट में पेश हुआ था पहला बजट, उंगलियों पर गिनाया खर्च: गोबर के ब्रीफकेस से डिजिटल बजट तक का सफर: छत्तीसगढ़ : की साय सरकार आज अपना दूसरा बज...
टेंट में पेश हुआ था पहला बजट, उंगलियों पर गिनाया खर्च: गोबर के ब्रीफकेस से डिजिटल बजट तक का सफर:
छत्तीसगढ़ : की साय सरकार आज अपना दूसरा बजट पेश करेगी। यह प्रदेश का 25वां बजट होगा। मगर क्या आपको पता है कि राज्य का पहला बजट टेंट में पेश किया गया था? तब वित्त मंत्री रामचंद्र सिंहदेव ने खर्च तक उंगलियों पर गिना था।
छत्तीसगढ़ के बजट का सफर बेहद रोचक रहा है। गोबर से बने ब्रीफकेस में बजट लाने से लेकर डिजिटल बजट तक, इस यात्रा में कई ऐतिहासिक मोड़ आए। एक समय ऐसा भी था जब वित्त मंत्री को बगावत के चलते कुर्सी गंवानी पड़ी थी।
पहला बजट: जब टेंट बना अस्थायी विधानसभा:
साल 2000 में छत्तीसगढ़ के गठन के बाद जब पहली बार बजट पेश किया गया, तब विधानसभा भवन भी पूरी तरह तैयार नहीं था। ऐसे में टेंट में अस्थायी विधानसभा बनाई गई, और वहीं से प्रदेश का पहला बजट पेश किया गया। वित्त मंत्री रामचंद्र सिंहदेव ने पारंपरिक दस्तावेजों के बजाय उंगलियों पर ही खर्च गिनाकर बजट प्रस्तुत किया था।
राजनीतिक उलटफेर और वित्त मंत्रियों की बदलती भूमिका:
छत्तीसगढ़ के बजट इतिहास में कई दिलचस्प घटनाएं दर्ज हैं। रमन सिंह के कार्यकाल में जब अमर अग्रवाल वित्त मंत्री थे, तब राजनीतिक परिस्थितियों के चलते उन्हें पद छोड़ना पड़ा। सत्ता परिवर्तन के साथ ही बजट की प्राथमिकताएं भी बदलीं।
गोबर के ब्रीफकेस से डिजिटल बजट तक:
राज्य में पारंपरिक कागजी बजट से हटकर गोबर से बने इको-फ्रेंडली ब्रीफकेस का चलन भी देखा गया। यह नवाचार राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था और पर्यावरण संरक्षण की ओर संकेत था। अब छत्तीसगढ़ भी डिजिटल बजट की दिशा में कदम बढ़ा चुका है, जिससे बजट प्रक्रिया ज्यादा पारदर्शी और प्रभावी बन रही है।
आज पेश होगा 25वां बजट: क्या होंगी खास घोषणाएं?
साय सरकार का यह दूसरा और राज्य का 25वां बजट होने के कारण लोगों की उम्मीदें बढ़ी हैं। सरकार किन योजनाओं पर जोर देगी, किन क्षेत्रों को विशेष बजट मिलेगा, और जनता को क्या राहत मिलेगी—इस पर सबकी नजरें टिकी हैं।
छत्तीसगढ़ के बजट का यह सफर टेंट से डिजिटल प्लेटफॉर्म तक का है, जिसमें हर दौर ने प्रदेश की आर्थिक दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाई है।
कोई टिप्पणी नहीं