रीएजेंट घोटाला: तत्कालीन स्वास्थ्य संचालक से पूछताछ, करोड़ों की खरीदी एकमुश्त कैसे हुई? रायपुर : छत्तीसगढ़ में करोड़ों रुपये के रीएजेंट घ...
रीएजेंट घोटाला: तत्कालीन स्वास्थ्य संचालक से पूछताछ, करोड़ों की खरीदी एकमुश्त कैसे हुई?
रायपुर : छत्तीसगढ़ में करोड़ों रुपये के रीएजेंट घोटाले की परतें खुलती जा रही हैं। आर्थिक अन्वेषण ब्यूरो (EOW) की जांच में इस बात का खुलासा हुआ है कि स्वास्थ्य विभाग ने अनावश्यक रूप से बड़ी मात्रा में रीएजेंट की खरीद की, जबकि इसकी कोई ठोस जरूरत नहीं थी। इस मामले में तत्कालीन स्वास्थ्य संचालक से पूछताछ की गई, जिसमें यह सवाल उठाया गया कि आखिर करोड़ों रुपये की खरीदी एकमुश्त कैसे की गई?
क्यों हो रही है जांच?
जांच एजेंसी EOW ने पाया कि स्वास्थ्य विभाग ने बिना किसी ठोस आवश्यकता के रीएजेंट की भारी डिमांड की थी। खास बात यह रही कि छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विस कॉरपोरेशन लिमिटेड (CGMSC) ने भी इस मांग की सही से जांच किए बिना ही करोड़ों रुपये की खरीदी कर सप्लाई कर दी।
क्या हुआ इस खरीद का नतीजा?
सूत्रों के मुताबिक, पिछले साल दिसंबर से जनवरी तक खरीदे गए रीएजेंट का बड़ा हिस्सा बिना उपयोग के पड़ा रहा। विभागीय अनियमितताओं के कारण राज्य सरकार को भारी आर्थिक नुकसान हुआ। अब जांच एजेंसी यह पता लगाने में जुटी है कि कौन-कौन अधिकारी इस फैसले में शामिल थे और किसके इशारे पर यह खरीदी हुई।
EOW की अगली कार्रवाई क्या?
जांच टीम जल्द ही अन्य वरिष्ठ अधिकारियों और CGMSC से जुड़े अधिकारियों से भी पूछताछ कर सकती है। दस्तावेजों की पड़ताल और बैंकिंग लेनदेन की जांच भी की जा रही है। यदि भ्रष्टाचार की पुष्टि होती है, तो आरोपियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
क्या बोले विशेषज्ञ?
आर्थिक मामलों के विशेषज्ञों का मानना है कि इस प्रकार की अनावश्यक खरीदी भ्रष्टाचार का संकेत देती है। अगर इस घोटाले की परतें पूरी तरह खुलती हैं, तो यह राज्य के स्वास्थ्य विभाग में बड़े स्तर की अनियमितताओं का खुलासा कर सकती है।
EOW की जांच के नतीजे आने के बाद ही यह साफ हो पाएगा कि क्या यह महज प्रशासनिक लापरवाही थी या फिर एक संगठित भ्रष्टाचार का हिस्सा।
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