प्रशासन की लचर कार्यवाही, 25 साल बाद भी नहीं हो पाई शिफ्टिंग: रायपुर: शहर की प्रमुख सड़कों पर तेजी से बाजार फैलते जा रहे हैं, जिससे याताया...
प्रशासन की लचर कार्यवाही, 25 साल बाद भी नहीं हो पाई शिफ्टिंग:
रायपुर: शहर की प्रमुख सड़कों पर तेजी से बाजार फैलते जा रहे हैं, जिससे यातायात व्यवस्था चरमरा रही है। सड़क किनारे लगने वाले इन बाजारों के कारण आधी सड़क अवैध कब्जों की भेंट चढ़ चुकी है, जिससे वाहन चालकों और राहगीरों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है।
राज्य बनने के 25 साल बाद भी नगर निगम और प्रशासन इन बाजारों को व्यवस्थित ढंग से शिफ्ट करने में नाकाम रहा है। हर दिन बढ़ते बाजारों के कारण ट्रैफिक जाम आम समस्या बन गई है, लेकिन प्रशासन सख्त कार्रवाई करने से बचता नजर आ रहा है।
बढ़ता बाजार, घटती सड़कें:
शहर के लगभग हर मुख्य मार्ग पर बाजारों का कब्जा बढ़ता जा रहा है। इससे न केवल यातायात प्रभावित हो रहा है, बल्कि सड़क दुर्घटनाओं की संभावनाएं भी बढ़ गई हैं। फुटपाथ तक इन बाजारों की चपेट में आ चुके हैं, जिससे पैदल यात्रियों को सड़क पर चलने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
प्रशासनिक उदासीनता बनी बाधा
नगर निगम और प्रशासन ने अब तक बाजारों को शिफ्ट करने को लेकर कोई ठोस रणनीति नहीं बनाई है। पहले भी कई बार इन बाजारों को हटाने की घोषणाएं हुईं, लेकिन हर बार इन्हें राजनीतिक दबाव या स्थानीय व्यापारियों के विरोध के चलते ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।
जनता की बढ़ती परेशानी:
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि बाजारों के चलते शहर में ट्रैफिक जाम की समस्या विकराल होती जा रही है। स्कूल, ऑफिस और अन्य जरूरी कामों के लिए निकलने वाले लोगों को घंटों जाम में फंसे रहना पड़ता है।
क्या है समाधान?
शहर को जाम से मुक्त करने के लिए प्रशासन को जल्द से जल्द ठोस कदम उठाने होंगे। अवैध बाजारों को सुव्यवस्थित स्थानों पर स्थानांतरित करने, सख्त यातायात नियम लागू करने और अतिक्रमण हटाने की नियमित कार्रवाई करने से इस समस्या का समाधान संभव हो सकता है।
यदि नगर निगम और प्रशासन इसी तरह लापरवाह बना रहा, तो आने वाले समय में यह समस्या और गंभीर रूप ले सकती है, जिससे शहर की यातायात व्यवस्था पूरी तरह चरमरा सकती है।
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