प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए खुलेगा नालंदा परिसर, सिंचाई और जलाशयों पर होगा 370 करोड़ खर्च: राजनांदगांव: छत्तीसगढ़ सरकार ने अपने क...
प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए खुलेगा नालंदा परिसर, सिंचाई और जलाशयों पर होगा 370 करोड़ खर्च:
राजनांदगांव: छत्तीसगढ़ सरकार ने अपने कार्यकाल का दूसरा बजट सोमवार को विधानसभा में पेश किया, जिसमें राजनांदगांव जिले के समग्र विकास के लिए 542 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। इस बजट में शिक्षा, सिंचाई, जल संसाधन और बुनियादी ढांचे को प्राथमिकता दी गई है।
बजट पेश होने के बाद विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने इसे क्षेत्र के विकास के लिए ऐतिहासिक करार दिया और कहा कि यह योजनाएं जिले के नागरिकों के जीवन स्तर को सुधारने में मील का पत्थर साबित होंगी।
शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा कदम: खुलेगा नालंदा परिसर:
बजट में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले विद्यार्थियों के लिए "नालंदा परिसर" की स्थापना का निर्णय लिया गया है। यह परिसर उन छात्रों को उच्च गुणवत्ता वाली कोचिंग और मार्गदर्शन प्रदान करेगा जो प्रशासनिक सेवाओं, बैंकिंग, रेलवे, इंजीनियरिंग, मेडिकल और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। इससे जिले के छात्र-छात्राओं को शहरों की ओर पलायन किए बिना बेहतर शिक्षा सुविधाएं मिल सकेंगी।
सिंचाई और जल संसाधनों पर होगा 370 करोड़ का खर्च:
कृषि और जल प्रबंधन को सशक्त बनाने के लिए सरकार ने 370 करोड़ रुपए सिंचाई और जलाशयों के विकास के लिए आवंटित किए हैं। इससे किसानों को सिंचाई की बेहतर सुविधाएं मिलेंगी और जल संरक्षण की दिशा में मजबूत कदम उठाए जाएंगे। यह निवेश न केवल कृषि उत्पादन बढ़ाने में मदद करेगा बल्कि जल संकट से निपटने में भी सहायक होगा।
बुनियादी ढांचे और विकास कार्यों को मिलेगी गति:
बजट में जिले की आधारभूत संरचना को मजबूत करने के लिए भी आवश्यक प्रावधान किए गए हैं। इसमें सड़क, पुल, स्वास्थ्य सुविधाओं और अन्य नागरिक सुविधाओं के विस्तार पर विशेष ध्यान दिया गया है।
विकास की ओर मजबूत कदम:
इस बजट के जरिए सरकार ने राजनांदगांव को शिक्षा, कृषि और आधारभूत संरचना के क्षेत्र में एक नया आयाम देने की दिशा में ठोस कदम उठाया है। इससे न केवल जिले की अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा बल्कि आमजन को भी आधुनिक सुविधाओं का लाभ मिलेगा।
वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने कहा कि यह बजट राजनांदगांव के विकास को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाएगा और जिले को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में सार्थक प्रयास साबित होगा।
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