महादेव ऐप और साइबर ठगी का बड़ा नेटवर्क: छत्तीसगढ़ के 12,000 सिम विदेशों में एक्टिव, म्यूल अकाउंट्स पर तय था किराया: रायपुर: छत्तीसगढ़ में ...
महादेव ऐप और साइबर ठगी का बड़ा नेटवर्क: छत्तीसगढ़ के 12,000 सिम विदेशों में एक्टिव, म्यूल अकाउंट्स पर तय था किराया:
रायपुर: छत्तीसगढ़ में महादेव सट्टा ऐप और साइबर ठगी के बढ़ते जाल ने राज्य में करोड़ों की ठगी को अंजाम दिया है। वर्ष 2024-25 में ठगों ने कुल 168 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की, जिसमें हजारों लोगों की मेहनत की कमाई बर्बाद हो गई।
पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि ठगों ने 12,000 से ज्यादा सिम विदेशों में एक्टिवेट कराए, जिनका इस्तेमाल ऑनलाइन सट्टेबाजी और साइबर अपराधों में किया गया। इसके लिए जालसाजों ने फ्लाइट और ट्रेनों के जरिए सिम डिलीवरी कराई, ताकि साइबर पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों की नजरों से बचा जा सके।
म्यूल अकाउंट्स के जरिए करोड़ों का हेरफेर:
ठगी में म्यूल अकाउंट्स का इस्तेमाल किया गया, जिनका किराया 5,000 से 50,000 रुपये तक फिक्स था। ये म्यूल अकाउंट्स उन लोगों के नाम पर खुलवाए गए, जो पैसों के लालच में अपने बैंक अकाउंट देने को तैयार हो गए। इन खातों का इस्तेमाल महादेव सट्टा ऐप और अन्य साइबर फ्रॉड में किया गया।
500 से ज्यादा POS एजेंट गिरफ्तार:
पुलिस ने अब तक 70 से ज्यादा एफआईआर दर्ज की हैं और 500 से ज्यादा POS (प्वाइंट ऑफ सेल) एजेंटों को गिरफ्तार किया है। ये एजेंट फर्जी सिम कार्ड, म्यूल अकाउंट्स और फर्जी बैंकिंग सेवाओं की आपूर्ति में शामिल थे।
कैसे हुआ सिम और अकाउंट्स का इस्तेमाल?
ठग फर्जी आईडी पर सिम कार्ड एक्टिवेट करवाते थे।
सिम को फ्लाइट या ट्रेन से विदेशों में भेजा जाता था।
म्यूल अकाउंट्स में काले धन को सफेद किया जाता था।
ठगी का पैसा क्रिप्टोकरेंसी और अन्य माध्यमों से विदेशों में ट्रांसफर किया जाता था।
पुलिस का बड़ा एक्शन, पर अभी भी खतरा बरकरार:
छत्तीसगढ़ पुलिस ने इस गिरोह के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है, लेकिन अब भी कई मास्टरमाइंड फरार हैं। साइबर ठगी के इस संगठित गिरोह का नेटवर्क देश के कई राज्यों में फैला हुआ है, जिससे इसे जड़ से खत्म करना चुनौती बना हुआ है।
सरकार और पुलिस आम जनता से अपील कर रही है कि वे अपने बैंक अकाउंट और पहचान संबंधी दस्तावेजों को किसी अनजान व्यक्ति के साथ साझा न करें, ताकि इस तरह की धोखाधड़ी से बचा जा सके।
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