रायगढ़ की आभा कुजूर बनीं दो बार मिस छत्तीसगढ़, ओवरऑल चैंपियन भी: रायगढ़ : की 26 वर्षीय आभा कुजूर ने अपनी मेहनत और संकल्प शक्ति से बॉडीबिल्डि...
रायगढ़ की आभा कुजूर बनीं दो बार मिस छत्तीसगढ़, ओवरऑल चैंपियन भी:
रायगढ़ : की 26 वर्षीय आभा कुजूर ने अपनी मेहनत और संकल्प शक्ति से बॉडीबिल्डिंग की दुनिया में नया मुकाम हासिल किया है। दो बार मिस छत्तीसगढ़ का खिताब जीतने के साथ ही उन्होंने नरेश सूर्या क्लासिक बॉडीबिल्डिंग प्रतियोगिता में ओवरऑल चैंपियन का टाइटल भी अपने नाम किया।
लेकिन उनकी इस सफलता की कहानी सिर्फ जीत तक सीमित नहीं है। यह एक बेटी के संघर्ष, त्याग और अपनी मां से किए गए वादे को पूरा करने की प्रेरणादायक दास्तान है।
मां से किया था बड़ा वादा:
आभा जब छोटी थीं, तब उनकी मां ने हमेशा उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। लेकिन कुछ साल पहले जब उनकी मां का निधन हुआ, तो उन्होंने खुद से एक वादा किया—"मैं मिस छत्तीसगढ़ बनूंगी और अपनी मां का सपना पूरा करूंगी।" इस वादे को निभाने के लिए उन्होंने दिन-रात कड़ी मेहनत की, कड़े अनुशासन का पालन किया और अपनी फिटनेस को एक नए स्तर पर पहुंचाया।
कठिनाइयों के बावजूद नहीं मानी हार:
बॉडीबिल्डिंग एक ऐसा क्षेत्र है जहां महिलाओं की संख्या अब भी सीमित है, और इस सफर में आभा को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। संसाधनों की कमी, कठोर ट्रेनिंग और समाज की पूर्वधारणाएं—हर बाधा को पार कर उन्होंने खुद को साबित किया। उनका मानना है कि "अगर इरादे मजबूत हों, तो कोई भी चुनौती बड़ी नहीं होती।"
अगला लक्ष्य इंटरनेशनल खिताब:
अब आभा का अगला सपना अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करना और अपने प्रदेश व देश का नाम रोशन करना है। उनकी इस उपलब्धि पर रायगढ़ समेत पूरे छत्तीसगढ़ में गर्व की लहर है।
महिलाओं के लिए बनीं प्रेरणा:
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर आभा कुजूर की यह कहानी हर उस महिला के लिए प्रेरणा है, जो अपने सपनों को साकार करने के लिए संघर्ष कर रही हैं। उनकी मेहनत और लगन साबित करती है कि "सपने देखना जरूरी है, लेकिन उन्हें पूरा करने के लिए खुद पर भरोसा और मेहनत सबसे महत्वपूर्ण है।"
आभा आज सिर्फ एक बॉडीबिल्डर ही नहीं, बल्कि एक प्रेरणा स्रोत बन चुकी हैं—ऐसी महिला जिन्होंने समाज की रुकावटों को पार कर अपने लिए एक नई पहचान बनाई है।
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