छत्तीसगढ़ में ई-व्हीकल पॉलिसी पर संकट: 45 हजार वाहन मालिकों को सब्सिडी का इंतजार: रायपुर : छत्तीसगढ़ में इलेक्ट्रिक वाहन नीति 2022 को लाग...
छत्तीसगढ़ में ई-व्हीकल पॉलिसी पर संकट: 45 हजार वाहन मालिकों को सब्सिडी का इंतजार:
रायपुर : छत्तीसगढ़ में इलेक्ट्रिक वाहन नीति 2022 को लागू हुए दो साल से अधिक हो चुके हैं, लेकिन इसके क्रियान्वयन में लापरवाही के कारण हजारों वाहन मालिकों को अब तक उनकी सब्सिडी नहीं मिली है। राज्य में लगभग 45,000 लोग ऐसे हैं, जिन्होंने इलेक्ट्रिक वाहन खरीद तो लिया, लेकिन सरकार द्वारा घोषित प्रोत्साहन राशि पाने के लिए अभी भी इंतजार कर रहे हैं।
नीति और वादे:
छत्तीसगढ़ सरकार ने ई-व्हीकल पॉलिसी के तहत अधिकतम 1.50 लाख रुपये तक की सब्सिडी देने की योजना बनाई थी। इस नीति का उद्देश्य राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देना और पेट्रोल-डीजल पर निर्भरता कम करना था। सरकार ने यह भी वादा किया था कि सब्सिडी समय पर वितरित की जाएगी ताकि लोग अधिक संख्या में इलेक्ट्रिक वाहन अपनाएं।
अमल में देरी, जनता परेशान:
हालांकि, पॉलिसी लागू होने के बावजूद सब्सिडी वितरण की प्रक्रिया सुस्त बनी हुई है। वाहन मालिकों का कहना है कि उन्होंने सब्सिडी के लिए जरूरी दस्तावेज और आवेदन प्रक्रिया पूरी कर ली है, लेकिन अब तक राशि उनके खातों में जमा नहीं हुई है।
एक ई-व्हीकल मालिक संजय वर्मा का कहना है, "हमने सरकार की नीति पर भरोसा करके इलेक्ट्रिक वाहन खरीदा, लेकिन अब हमें सब्सिडी के लिए महीनों से इंतजार करना पड़ रहा है। हमें यह भी नहीं बताया जा रहा कि भुगतान कब होगा।"
सरकारी उदासीनता या प्रशासनिक बाधा?
सूत्रों के मुताबिक, सब्सिडी वितरण में देरी का कारण प्रशासनिक प्रक्रियाओं में अड़चन और वित्तीय स्वीकृति में देरी हो सकती है। परिवहन विभाग के एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि बजट आवंटन और प्रक्रिया में हो रही देरी के कारण यह समस्या उत्पन्न हुई है।
क्या बोले विशेषज्ञ?
पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि यदि सरकार अपनी नीतियों को प्रभावी रूप से लागू नहीं करती तो ई-व्हीकल अपनाने की गति धीमी पड़ सकती है। इससे न केवल लोगों का विश्वास कमजोर होगा, बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी बाधा आएगी।
जल्द समाधान की जरूरत:
ई-व्हीकल नीति के तहत दी जाने वाली सब्सिडी लोगों को स्वच्छ ऊर्जा अपनाने के लिए प्रेरित करने का एक महत्वपूर्ण साधन है। अगर सरकार जल्द से जल्द इस संकट का समाधान नहीं करती, तो यह नीति प्रभावहीन साबित हो सकती है।
लोगों की मांग है कि सरकार इस मुद्दे पर तत्काल ध्यान दे और बकाया सब्सिडी का वितरण सुनिश्चित करे, ताकि ई-व्हीकल अपनाने के लक्ष्य को सफल बनाया जा सके।
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