हाईटेक कॉलोनी का दावा, बुनियादी सुविधाओं का अभाव: 10 साल बाद भी अंधेरे में कमल विहार: रायपुर : राजधानी में हाईटेक कॉलोनी बनाने के दावों क...
हाईटेक कॉलोनी का दावा, बुनियादी सुविधाओं का अभाव: 10 साल बाद भी अंधेरे में कमल विहार:
रायपुर : राजधानी में हाईटेक कॉलोनी बनाने के दावों के बीच कमल विहार (कौशल्या विहार) के हजारों परिवार बुनियादी सुविधाओं के लिए जूझ रहे हैं। करीब 10 साल पहले 1600 एकड़ से ज्यादा जमीन पर इस प्रोजेक्ट की नींव रखी गई थी। इसे रायपुर की सबसे आधुनिक टाउनशिप बनाने का दावा किया गया, लेकिन अब हालात यह हैं कि यहां रहने वाले तीन हजार से ज्यादा परिवार रोजमर्रा की परेशानियों से जूझ रहे हैं।
सड़कें अधूरी, सेक्टरों में अंधेरा:
कमल विहार को हाईटेक सिटी बनाने के लिए अंडरग्राउंड केबलिंग, चौड़ी सड़कें और मॉडर्न इंफ्रास्ट्रक्चर का वादा किया गया था। मगर हकीकत यह है कि कई सेक्टरों में अब तक सड़कें तक नहीं बनीं। जिन जगहों पर सड़कें बनी हैं, वे भी बदहाल हो चुकी हैं। स्ट्रीट लाइट न होने के कारण कई हिस्से रात में अंधेरे में डूबे रहते हैं, जिससे लोगों को असुरक्षा महसूस होती है।
रोजमर्रा की सुविधाओं का टोटा:
कॉलोनी में न तो पर्याप्त पानी की व्यवस्था है और न ही नियमित सफाई होती है। बरसात के दिनों में कई इलाकों में जलभराव की समस्या हो जाती है। बाजार, स्कूल और अस्पताल जैसी जरूरी सुविधाओं की कमी के कारण रहवासियों को दूर जाना पड़ता है।
विकास के दावों की खुली पोल:
कमल विहार को रायपुर का सबसे विकसित सेक्टर बनाने की योजना थी, लेकिन 10 साल बाद भी बुनियादी जरूरतों की पूर्ति नहीं हो सकी। रहवासियों का कहना है कि उन्होंने हाईटेक सुविधाओं के नाम पर प्लॉट और मकान खरीदे, लेकिन उन्हें सिर्फ परेशानियां मिलीं।
प्रशासन से कार्रवाई की मांग:
रहवासियों ने कई बार नगर निगम और विकास प्राधिकरण से शिकायत की, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है। लोगों का कहना है कि जब तक मूलभूत सुविधाएं पूरी नहीं होतीं, तब तक यह हाईटेक कॉलोनी सिर्फ कागजों पर ही हाईटेक बनी रहेगी। प्रशासन को जल्द से जल्द इस ओर ध्यान देना चाहिए, ताकि हजारों परिवारों को राहत मिल सके।
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