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बालोद का एकमात्र शक्कर कारखाना संकट में: लक्ष्य से पीछे, किसानों को 15.62 करोड़ का भुगतान

  बालोद का एकमात्र शक्कर कारखाना संकट में: लक्ष्य से पीछे, किसानों को 15.62 करोड़ का भुगतान: बालोद: जिले के एकमात्र उद्योग मां दंतेश्वरी सहक...

 बालोद का एकमात्र शक्कर कारखाना संकट में: लक्ष्य से पीछे, किसानों को 15.62 करोड़ का भुगतान:

बालोद: जिले के एकमात्र उद्योग मां दंतेश्वरी सहकारी शक्कर कारखाने को इस साल संकट का सामना करना पड़ा। पेराई सत्र 2024-25 में कारखाने ने 70,000 मीट्रिक टन गन्ने की पेराई का लक्ष्य रखा था, लेकिन यह 64,647 मीट्रिक टन पर ही सिमट गया।

गन्ने की कम आपूर्ति और अन्य चुनौतियों के चलते कारखाना अपने लक्ष्य से पीछे रह गया। हालांकि, इस दौरान किसानों को 15.62 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया, जिससे उन्हें कुछ राहत मिली है।


कम उत्पादन के पीछे कारण:

विशेषज्ञों का मानना है कि गन्ने की कम उपज, मौसम की अनिश्चितता और किसानों की घटती रुचि इसके प्रमुख कारण हैं। इसके अलावा, किसानों को समय पर उचित मूल्य न मिलने और उत्पादन लागत बढ़ने के चलते गन्ने की खेती प्रभावित हुई है।


आर्थिक प्रभाव और किसानों की चिंता:

गन्ने की कम पेराई से न केवल कारखाने की आय पर असर पड़ा है, बल्कि इससे जुड़े किसानों को भी नुकसान उठाना पड़ा है। किसानों का कहना है कि यदि समय पर भुगतान और सही मूल्य नहीं मिला, तो अगले साल गन्ने की खेती में और गिरावट आ सकती है।


भविष्य की संभावनाएं:

प्रशासन और सहकारी समिति को अब इस स्थिति से उबरने के लिए नए कदम उठाने होंगे। किसानों को प्रोत्साहन देने के लिए बेहतर सुविधाएं, समय पर भुगतान और खेती के लिए नई तकनीकों को अपनाने की जरूरत होगी।


निष्कर्ष:

बालोद जिले का यह एकमात्र उद्योग संकट के दौर से गुजर रहा है। यदि समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो यह न केवल किसानों की आजीविका पर असर डालेगा, बल्कि जिले की अर्थव्यवस्था के लिए भी नुकसानदायक साबित हो सकता है।

यह समाचार जिले की स्थिति को स्पष्ट रूप से दर्शाता है और संभावित समाधानों की ओर भी इशारा करता है। यदि आप इसमें कोई और जानकारी या सुधार चाहते हैं, तो बताइए!


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