शहर में राशन दुकानों की कमी से जनता परेशान, अधिकारी जिम्मेदारी तय नहीं कर पाए: रायपुर: शहर में 59 नई राशन दुकानों को खोलने की योजना छह मही...
शहर में राशन दुकानों की कमी से जनता परेशान, अधिकारी जिम्मेदारी तय नहीं कर पाए:
रायपुर: शहर में 59 नई राशन दुकानों को खोलने की योजना छह महीने से अधर में लटकी हुई है। जनता अब भी पुरानी दुकानों पर लंबी कतारों में खड़े होकर राशन लेने को मजबूर है, लेकिन खाद्य विभाग अब तक इन नई दुकानों के संचालन की प्रक्रिया पूरी नहीं कर पाया।
पहले लोकसभा चुनाव की आचार संहिता, फिर निगम और पंचायत चुनाव का हवाला देकर प्रक्रिया टाल दी गई। अब जब सभी चुनाव समाप्त हो चुके हैं, तब भी जिम्मेदार अधिकारी संचालकों की नियुक्ति तय नहीं कर सके हैं।
जनता की परेशानी बनी, लेकिन प्रशासन उदासीन:
शहर में पहले से ही सीमित संख्या में राशन दुकानें हैं, जिससे गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों को कई घंटे लाइन में लगकर राशन लेना पड़ता है। सरकार ने इस समस्या को हल करने के लिए 59 नई दुकानों को मंजूरी दी थी, लेकिन छह महीने बाद भी यह योजना फाइलों में दबी पड़ी है।
राशन लेने आए लोगों ने नाराजगी जताते हुए कहा कि जब चुनावी काम निपट चुके हैं, तो अब दुकानों के संचालन में देरी क्यों हो रही है? अधिकारी प्रक्रिया को तेजी से पूरा क्यों नहीं कर रहे?
अधिकारियों का जवाब—जल्द होगी कार्रवाई:
खाद्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि दुकानों के संचालन के लिए उचित प्रक्रिया अपनाई जा रही है और जल्द ही योग्य संचालकों की नियुक्ति की जाएगी। हालांकि, इस प्रक्रिया में और कितना समय लगेगा, इसका कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया गया।
जनता अब उम्मीद कर रही है कि जल्द से जल्द नई राशन दुकानों को शुरू किया जाए, ताकि उन्हें राहत मिल सके और राशन वितरण प्रणाली सुचारू हो सके।
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