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गरियाबंद के इन्दागांव में 20 दिनों में 11 आत्महत्या की कोशिश, 3 की मौत: बेरोजगारी और सरकारी योजनाओं की अनदेखी बनी वजह

  गरियाबंद के इन्दागांव में 20 दिनों में 11 आत्महत्या की कोशिश, 3 की मौत: बेरोजगारी और सरकारी योजनाओं की अनदेखी बनी वजह: गरियाबंद: जिले के ...

 गरियाबंद के इन्दागांव में 20 दिनों में 11 आत्महत्या की कोशिश, 3 की मौत: बेरोजगारी और सरकारी योजनाओं की अनदेखी बनी वजह:

गरियाबंद: जिले के मैनपुर ब्लॉक के इन्दागांव में बीते 20 दिनों में आत्महत्या की चिंताजनक लहर देखने को मिली है। 3 मार्च से 21 मार्च के बीच 11 लोगों ने आत्महत्या करने की कोशिश की, जिनमें से 3 की मौत हो गई, जबकि बाकी को समय रहते बचा लिया गया।


गांव में गहराती बेरोजगारी, टूटती उम्मीदें

इन्दागांव की कुल आबादी 3,500 से ज्यादा है, लेकिन यहां 200 से अधिक युवा बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि रोजगार के अभाव और आर्थिक तंगी के कारण लोग मानसिक तनाव में हैं। कई सरकारी योजनाएं यहां पहुंच ही नहीं रही हैं, जिससे गांव के लोग खुद को असहाय महसूस कर रहे हैं।


योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा, प्रशासन मौन:

ग्रामीणों का आरोप है कि प्रधानमंत्री रोजगार योजना, मनरेगा और अन्य सरकारी सहायता कार्यक्रमों का सही क्रियान्वयन नहीं हो पा रहा है। जिन लोगों को इन योजनाओं का लाभ मिलना चाहिए, वे आज भी मदद के लिए दर-दर भटक रहे हैं।


स्थानीय प्रशासन क्या कर रहा है?

इस गंभीर स्थिति के बावजूद प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। अब तक न तो बेरोजगारी दूर करने की कोई ठोस योजना बनाई गई है और न ही मानसिक स्वास्थ्य सहायता के लिए कोई पहल की गई है।


मनोवैज्ञानिकों की राय:

मनोचिकित्सकों के अनुसार, बेरोजगारी और आर्थिक तंगी आत्महत्या के प्रमुख कारणों में से एक हैं। जब व्यक्ति को अपने भविष्य को लेकर कोई रास्ता नहीं दिखता, तो वह इस तरह के कदम उठा सकता है। सरकार को तुरंत हस्तक्षेप कर बेरोजगारी दूर करने और मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता बढ़ाने के लिए कदम उठाने चाहिए।


जरूरी है त्वरित कार्रवाई:

लगातार बढ़ रही आत्महत्या की घटनाएं इस बात का संकेत हैं कि गांव में हालात बेहद गंभीर हो चुके हैं। सरकार और प्रशासन को जल्द से जल्द रोजगार और मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं के लिए ठोस कदम उठाने होंगे, ताकि और लोगों की जान बचाई जा सके।


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