नक्सल क्षेत्र के युवाओं ने जूडो में रचा इतिहास: 10 साल में 328 मेडल जीतकर बदली तकदीर: कोंडागांव: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित कोंडागांव जिल...
नक्सल क्षेत्र के युवाओं ने जूडो में रचा इतिहास: 10 साल में 328 मेडल जीतकर बदली तकदीर:
कोंडागांव: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित कोंडागांव जिले में खेल ने बदलाव की एक नई कहानी लिखी है। यहां आईटीबीपी (भारत-तिब्बत सीमा पुलिस) की 41वीं वाहिनी द्वारा 2016 में शुरू की गई एक अनूठी पहल के तहत आदिवासी और नक्सल प्रभावित परिवारों के बच्चों को जूडो का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस प्रशिक्षण का परिणाम बेहद प्रेरणादायक रहा है—पिछले 10 वर्षों में इन युवा खिलाड़ियों ने कुल 328 पदक जीतकर क्षेत्र का नाम रोशन किया है।
खेल ने दी नई दिशा:
नक्सल हिंसा से प्रभावित इस इलाके के बच्चों के लिए खेल एक नया अवसर बनकर आया। जूडो प्रशिक्षण से न सिर्फ उन्हें आत्मरक्षा की कला सीखने को मिली, बल्कि यह उनके आत्मविश्वास और भविष्य निर्माण का जरिया भी बना। आईटीबीपी के प्रशिक्षकों की मेहनत और बच्चों की लगन ने इस पहल को असाधारण सफलता दिलाई।
राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान:
कोंडागांव के कई युवा अब राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में अपनी जगह बना चुके हैं। इन बच्चों ने राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर कई स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक जीतकर साबित कर दिया कि कड़ी मेहनत और सही मार्गदर्शन से किसी भी बाधा को पार किया जा सकता है।
आईटीबीपी की भूमिका सराहनीय:
आईटीबीपी न केवल खेल प्रशिक्षण दे रही है, बल्कि इन बच्चों के लिए अनुशासन, शिक्षा और बेहतर भविष्य की राह भी तैयार कर रही है। प्रशिक्षकों का कहना है कि जूडो के जरिए बच्चों में आत्मनिर्भरता और दृढ़ संकल्प विकसित हो रहा है, जिससे वे समाज में सकारात्मक योगदान दे सकते हैं।
मिशन जारी रहेगा :
आईटीबीपी और स्थानीय प्रशासन इस पहल को और मजबूत करने के लिए प्रयासरत हैं। लक्ष्य है कि आने वाले वर्षों में और अधिक बच्चे इससे जुड़ें और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन करें।
कोंडागांव की यह सफलता कहानी दिखाती है कि यदि सही दिशा और अवसर मिले, तो कोई भी युवा अपनी किस्मत बदल सकता है। नक्सल प्रभावित क्षेत्र में खेल के जरिए बदलाव की यह मिसाल पूरे देश के लिए प्रेरणादायक है।
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