नक्सली जिले के बच्चों को तुर्की की मिस नेटली सिखा रहीं पेंटिंग, कांकेर में 20 छात्रों के लिए विशेष व्यवस्था: छत्तीसगढ: रूपेश साहू कला के...
नक्सली जिले के बच्चों को तुर्की की मिस नेटली सिखा रहीं पेंटिंग, कांकेर में 20 छात्रों के लिए विशेष व्यवस्था:
छत्तीसगढ: रूपेश साहू कला केवल रंगों का खेल नहीं, बल्कि भावनाओं और विचारों की अभिव्यक्ति का माध्यम भी है। इसे सीखने और सिखाने में भाषा कभी बाधा नहीं बन सकती। इसी सिद्धांत को सच कर दिखाया तुर्की की मिस नेटली और छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के आतुरगांव स्कूल के छात्रों ने।
स्वच्छता मिशन के तहत आयोजित इस विशेष ऑनलाइन कार्यशाला में मिस नेटली ने नक्सल प्रभावित क्षेत्र के बच्चों को पेंटिंग की बारीकियां सिखाईं। इस अनूठे प्रयास के लिए 20 छात्रों के बैठने की विशेष व्यवस्था की गई, ताकि वे सहजता से डिजिटल माध्यम से कला को सीख सकें।
कार्यशाला के दौरान बच्चों ने चित्रकला के विभिन्न आयामों को समझा और अपनी कल्पनाओं को रंगों के जरिए जीवंत किया। इस पहल ने न केवल बच्चों की रचनात्मकता को प्रोत्साहित किया, बल्कि उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कला के नए आयामों से परिचित होने का भी अवसर दिया।
विद्यालय प्रबंधन और स्थानीय शिक्षकों ने इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रम न केवल बच्चों के आत्मविश्वास को बढ़ाते हैं, बल्कि उन्हें भविष्य के लिए भी तैयार करते हैं। इस पहल ने शिक्षा और संस्कृति के वैश्विक आदान-प्रदान की नई संभावनाओं को जन्म दिया है।
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