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सीजीएमएससी में घोटाला: घटिया दवाओं को सही साबित करने का खेल, एक ही लैब से बार-बार जांच

  सीजीएमएससी में घोटाला: घटिया दवाओं को सही साबित करने का खेल, एक ही लैब से बार-बार जांच: रायपुर :  छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कॉरपोरेशन लिमि...

 सीजीएमएससी में घोटाला: घटिया दवाओं को सही साबित करने का खेल, एक ही लैब से बार-बार जांच:

रायपुर : छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कॉरपोरेशन लिमिटेड (सीजीएमएससी) में दवा आपूर्ति को लेकर गंभीर अनियमितताओं का खुलासा हुआ है। दवा कंपनी नाइन एम को बचाने के लिए सीजीएमएससी अधिकारियों द्वारा नियमों को ताक पर रखकर खेल खेला गया।


44 से ज्यादा शिकायतें, फिर भी कार्रवाई नहीं:

प्रदेश के विभिन्न अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों से 44 से अधिक शिकायतें आईं, जिनमें नाइन एम कंपनी की दवाओं की गुणवत्ता पर सवाल उठाए गए। नियमों के अनुसार, यदि किसी कंपनी के तीन बैच फेल हो जाते हैं, तो उसे ब्लैकलिस्ट किया जाना चाहिए। लेकिन, सीजीएमएससी अधिकारियों ने कंपनी को बचाने के लिए दस्तावेजों में हेरफेर किया।


एक ही लैब से बार-बार जांच:

दवाओं की गुणवत्ता जांचने के लिए सीजीएमएससी में आठ पंजीकृत लैब हैं, लेकिन इसके बावजूद सिर्फ एक लैब से दोबारा जांच कराई गई, जबकि पहली बार भी वही लैब दवाओं की जांच कर चुकी थी। इससे स्पष्ट होता है कि निष्पक्ष जांच की बजाय, कंपनी को फायदा पहुंचाने की साजिश रची गई।


नियमों की अनदेखी, अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध:

नोटशीट की समीक्षा करने पर यह सामने आया कि सीजीएमएससी के महाप्रबंधक (तकनीकी) हिरेन पटेल ने बार-बार अलग-अलग टिप्पणियां लिखकर कंपनी को बचाने की कोशिश की। क्लीन चिट देने के लिए सभी नियमों को दरकिनार किया गया, जिससे यह पूरा मामला घोटाले की ओर इशारा कर रहा है।


सवाल उठ रहे हैं, पर जवाबदेही तय नहीं:

इस घोटाले के सामने आने के बाद अब सवाल यह उठ रहा है कि आखिर किसके निर्देश पर कंपनी को बचाने की कोशिश की गई? क्या सीजीएमएससी के बड़े अधिकारी इस साजिश में शामिल हैं? प्रशासन की निष्पक्ष जांच से ही इस घोटाले के असली गुनहगारों का पर्दाफाश हो सकता है।


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