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ऑनलाइन गेमिंग से शुरू हुई लव स्टोरी, शादी के बाद रिश्तों में दरार: हाईकोर्ट ने दी अहम टिप्पणी

  ऑनलाइन गेमिंग से शुरू हुई लव स्टोरी, शादी के बाद रिश्तों में दरार: हाईकोर्ट ने दी अहम टिप्पणी: कोरबा: ऑनलाइन गेमिंग के जरिए हुई दोस्ती प्य...

 ऑनलाइन गेमिंग से शुरू हुई लव स्टोरी, शादी के बाद रिश्तों में दरार: हाईकोर्ट ने दी अहम टिप्पणी:

कोरबा: ऑनलाइन गेमिंग के जरिए हुई दोस्ती प्यार में बदली, फिर शादी तक पहुंची, लेकिन इसके बाद रिश्ते में कड़वाहट आ गई। युवक का आरोप है कि उसकी पत्नी ने शादी के बाद उसे छोड़ दिया और परिजनों ने उसे जबरन बंधक बना लिया। मामले में हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि किसी व्यक्ति का अपने माता-पिता के साथ रहना अवैध हिरासत की श्रेणी में नहीं आता।

याचिकाकर्ता पति ने अदालत में अपील की थी कि उसकी पत्नी को उसके साथ रहने के लिए बाध्य किया जाए और उसे परिजनों के कब्जे से मुक्त कराया जाए। लेकिन कोर्ट ने इस मांग को खारिज करते हुए कहा कि यदि कोई व्यक्ति अपने माता-पिता के साथ रह रहा है, तो इसे अवैध हिरासत नहीं माना जा सकता।

यह मामला ऑनलाइन गेमिंग के जरिए बने रिश्तों और उनके सामाजिक प्रभावों पर भी सवाल खड़े करता है। विशेषज्ञों का कहना है कि डिजिटल माध्यम से बने रिश्तों में अक्सर कम समय में भावनात्मक जुड़ाव गहरा हो जाता है, लेकिन वास्तविक जीवन की चुनौतियों के सामने वे टिक नहीं पाते।


ऑनलाइन गेम से शुरू हुई लव स्टोरी, शादी के बाद बदला रिश्ता – हाईकोर्ट ने सुनाया अहम फैसला:

कोरबा के एक युवक और पश्चिम बंगाल की युवती की ऑनलाइन गेमिंग के जरिए दोस्ती हुई, जो धीरे-धीरे प्यार में बदल गई। दोनों ने शादी करने का फैसला किया और वैवाहिक बंधन में बंध गए। लेकिन शादी के कुछ समय बाद ही युवती ने युवक के साथ रहने से इनकार कर दिया और अपनी मां के पास लौट गई।

युवक का आरोप था कि युवती को उसकी मां ने जबरन बंधक बना लिया है और उसे वापस नहीं आने दिया जा रहा। इस मामले को लेकर उसने हाईकोर्ट में याचिका दायर की और पत्नी को "बंधक" से मुक्त कराने की मांग की।

हालांकि, हाईकोर्ट ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि किसी व्यक्ति का अपने माता-पिता के साथ रहना अवैध हिरासत की श्रेणी में नहीं आता। अदालत ने स्पष्ट किया कि यदि कोई महिला अपनी इच्छा से अपने परिवार के साथ रहना चाहती है, तो इसे जबरदस्ती की संज्ञा नहीं दी जा सकती।


ऑनलाइन रिश्तों पर उठे सवाल:

यह मामला ऑनलाइन माध्यम से बनने वाले रिश्तों की सच्चाई पर भी सवाल खड़े करता है। डिजिटल प्लेटफॉर्म पर बने संबंध अक्सर भावनात्मक रूप से गहरे लगते हैं, लेकिन असल जिंदगी की परिस्थितियों के सामने कई बार टिक नहीं पाते। विशेषज्ञों का मानना है कि ऑनलाइन रिलेशनशिप में जल्दबाजी से फैसले लेने से बचना चाहिए और रिश्तों को वास्तविकता की कसौटी पर परखना जरूरी होता है।


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