पीआरए ग्रुप पर आईटी विभाग का छापा, 37 करोड़ की कर चोरी का खुलासा: रायपुर : आयकर विभाग ने पीआरए ग्रुप पर छापा मारते हुए 37 करोड़ रुपये की क...
पीआरए ग्रुप पर आईटी विभाग का छापा, 37 करोड़ की कर चोरी का खुलासा:
रायपुर : आयकर विभाग ने पीआरए ग्रुप पर छापा मारते हुए 37 करोड़ रुपये की कर चोरी का खुलासा किया है। आईटी विभाग की टीम ने विभिन्न स्थानों पर सर्वेक्षण कर कई अहम दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य जब्त किए हैं।
सूत्रों के मुताबिक, पीआरए ग्रुप पर कर अपवंचन के आरोपों की जांच के बाद यह कार्रवाई की गई। शुरुआती जांच में कई गड़बड़ियों के संकेत मिले हैं, और आगे की जांच जारी है। अधिकारियों का कहना है कि कंपनी ने आय की सही जानकारी नहीं दी थी, जिससे सरकार को भारी राजस्व नुकसान हुआ।
आईटी विभाग अब जब्त दस्तावेजों की गहन जांच करेगा और जरूरत पड़ने पर समूह के प्रमुख अधिकारियों से पूछताछ की जा सकती है।
पीआरए ग्रुप पर आयकर विभाग का शिकंजा, 37 करोड़ की कर चोरी का खुलासा:
रायगढ़ : रायगढ़ और रायपुर से जुड़ी कंस्ट्रक्शन कंपनी पीआरए ग्रुप पर आयकर विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 37 करोड़ रुपए की कर चोरी का खुलासा किया है। मुख्य आयकर आयुक्त कार्यालय की टीम ने गुरुवार को कंपनी के विभिन्न ठिकानों पर आयकर सर्वे किया, जिसमें बड़े पैमाने पर गड़बड़ियों का पता चला।
पहले भी विवादों में रहा है पीआरए ग्रुप:
गौरतलब है कि कुछ महीने पहले इसी कंपनी के मुख्य कार्यालय के बाहर फायरिंग की घटना हो चुकी है, जिससे यह पहले ही चर्चा में रह चुकी है। यही नहीं, आयकर विभाग इससे पहले भी पीआरए ग्रुप पर कार्रवाई कर चुका है।
कंपनी से जुड़े प्रमुख नाम:
पीआरए ग्रुप के डायरेक्टर्स रमेश अग्रवाल, कन्हैया लाल अग्रवाल, ध्रुव कुमार अग्रवाल और राजेश कुमार अग्रवाल हैं। यह कंपनी प्रहलाद राय अग्रवाल और बजरंग लाल अग्रवाल द्वारा स्थापित की गई थी।
सड़क और रेलवे परियोजनाओं से जुड़ी है कंपनी:
पीआरए ग्रुप सड़क निर्माण, भवन निर्माण, पुल निर्माण और रेलवे परियोजनाओं में कार्यरत है। विभागीय सूत्रों के मुताबिक, कंपनी ने अपने आयकर विवरण में बड़ी गड़बड़ियां की हैं, जिससे सरकार को भारी राजस्व नुकसान हुआ।
वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में हुई कार्रवाई:
इस कार्रवाई का नेतृत्व आयकर उपायुक्त राहुल मिश्रा ने किया, जो मुख्य आयकर आयुक्त अपर्णा करण, प्रधान आयकर आयुक्त प्रदीप कुमार हेडाऊ और संयुक्त आयकर आयुक्त वीरेंद्र कुमार के निर्देश पर की गई।
फिलहाल आयकर विभाग द्वारा जब्त किए गए दस्तावेजों और डिजिटल डेटा की गहन जांच की जा रही है, और आगे भी पूछताछ की संभावना जताई जा रही है।
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